लखनऊ। सैल्यूजेन के वर्टिकल मायकोर्ड के फैमिली कोर्ड ब्लड पूल बैंकिंग को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है। स्टेम सेल एण्ड रिजनरेटिव मेडिसन के दसवें वार्षिक कांफ्रेंस में फैमिली कोर्ड पूल लड बैंक के कॉन्सेप्ट को पेश किया गया, जिसे यहां आये दुनियाभर के हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ने न सिर्फ इसे सराहा बल्कि इसे बेहतर बताते हुये मान्यता भी प्रदान की।
पब्लिक बैंकों में कोर्ड ब्लड यूनिट बहुत कम
ज्यूरिक में हुयी कांफ्रेंस में सैल्यूजेन के प्रोमोटर डॉयरेटर ललित जायसवाल ने प्राइवेट कोर्ड ब्लड बैंकिंग के नए क्षितिज के बारे में समझाते हुए बताया कि भारत में शिशुओं की जन्मदर ज्यादा होने के बावजूद पब्लिक बैंकों में कोर्ड ब्लड यूनिट बहुत कम है और प्राइवेट बैंकों में जो कोर्ड ब्लड यूनिट इस्तेमाल के लिए रखे है, उन्हें बिना एचएलए टाइपि΄ग के रखा गया है, जिसका कोई फायदा नही΄ है΄।
इलाज में सिर्फ 5 फीसदी ही इस्तेमाल हो पाते हैैं
जानेमाने डॉटर्स जोर देकर कहते है कि जो कोर्ड ब्लड यूनिट खुद के इस्तेमाल के लिए स्टोर की है, वह स्वीकृत खून की बीमारियों के इलाज में सिर्फ 5 फीसदी ही इस्तेमाल हो पाते हैैं। इस मौके पर ललित जायसवाल ने कहा कि फैमिली कोर्ड ब्लड पूल बैंक के कॉन्सेप्ट को लाने का आइडिया यह था कि पब्लिक बैंक में कोर्ड ब्लड यूनिट की अपर्याप्तता और प्राइवेट बैंकों में बिना इस्तेमाल रखे कोर्ड यूनिट के बीच संतुलन बनाना है।