नई दिल्ली। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में कुपोषण का उच्चतम स्तर देखा जा रहा है। इस क्षेत्र में एक नई स्थिति की ओर तेजी से संक्रमण देखने को मिल रहा है, जिसकी परिभाषा कुपोषण के दोगुने बोझ के रूप में की जाती है।
ये देश करेंगे विचार-विमर्श
भारत, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, अमेरिका, थाइलैंड, बांग्लादेश, इटली, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको और स्विटजरलैंड शामिल होंगे, के प्रमुख वक्ता और सरकारी अधिकारी कार्यशालाओं, पूर्ण और विस्तृत सेशन, पैनल चर्चा, पोस्टर प्रजेंटेंशन और बैठकों के माध्यम से विचार-विमर्श करेंगे।
दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में कुपोषण के दोगुने बोझ और भोजन की व्यवस्था में हुए बदलाव से जनस्वास्थ्य पर पडऩे वाले गंभीर परिणामों, पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बुधवार को नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस सम्मेलन में 250 से ज्यादा भागीदार शामिल होंगे जिसमें 13 देशों के नीति निर्माता, कार्यकर्ता, शिक्षाविद, शोधकर्ता और मीडियाकर्मी हिस्सा लेंगे। 28 से 30 मार्च तक होने वाले इस सम्मेलन में कुपोषण के नुकसान पर ही नहीं, बल्कि जरूरत से ज्यादा पोषण के नकारात्मक प्रभावों पर विचार-विमर्श करने के लिए मंच साझा करेंगे।