लखनऊ। सेवा से बड़ा कोई धर्म मनुष्य के लिए नहीं है और इस सेवा के कार्य में एक चिकित्सक के रूप में हमें जो अवसर मिलता है, वह सदैव उपलब्ध है। काम को सेवा के भाव से प्रेरित करते हुए अगर वह कार्य करेंगे तो वही किया गया कार्य जो हमारी ड्यूटी और जिम्मेदारी है उसकी गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाएगी और हम समाज के लिए और ज्यादा उपयोगी साबित होंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा राष्ट्र सेवा ही एनएमओ का मूल संदेश है, मूलमंत्र है। इस कांफ्रेंस में आर्गेनाइजेशन की पत्रिका एनएमओ जर्नल का लोकार्पण हुआ। विशेषज्ञ संपादक डॉ. सूर्यकांत हैं।
इस अवसर पर रेस्पेरेट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत एवं डॉ. अश्वनी टंडन द्वारा टीबी रोग की जानकारी से संबंधित एक जर्नल का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इसके साथ ही एनएमओ द्वारा निर्मित एक सोवीनियर जिसमें देश की महान विभूतियों को दर्शाया गया है।
आरोग्य रहने के लिए दो मूलमंत्र
उक्त बातें नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन के 40वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और आरोग्य रहने के लिए दो मूलमंत्र हैं। पहला नियमित कसरत और दूसरा संयमित व पौष्टिक आहार। सबसे ज्यादा जरूरी है कि हर व्यक्ति को 10 हजार कदम रोज चलने चाहिए। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह वी. भगैय्या ने कहा कि राष्ट्र में समाज की सेवा करना अपना दायित्व होता है, यही परम्परा अपने देश में प्राचीन काल से चली आ रही है।
ये लोग थे मौजूद
चिकित्सा शिक्षा मंत्री अशुतोष टंडन ने एनएमओ के धैर्य वाक्य स्वास्थ्य सेवा-राष्ट्र सेवा के लक्ष्य के साथ किए गए कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार भी इसी लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। कार्यक्रम में एनएमओ के चेयरपर्सन डॉ. संदीप तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. विजेंद्र, राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र मलिक, आयोजन सचिव डॉ. भपेंद्र सिंह, डॉ. अलका रानी, एम्स ऋषिकेश निदेशक डॉ. रविकांत, सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, केजीएमयू के सीएमएस डा. एसएन शंखवार, डॉ. विनोद जैन समेत अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे।