लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के चिकित्सालय से हटाए गए आउटसोर्सिंग स्टाफ नर्स जिनकी सेवाएं शासन द्वारा समाप्त कर दी गई हैं वह सभी कर्मचारी सेवाएं जारी करने की मांग को लेकर पिछले 3 दिनों से लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार सुबह 10 बजे से जीपीओ गांधी प्रतिमा पर एकत्रित होकर प्रदर्शन करना शुरू किया।
इलाज शुरू कराया
सभी कर्मचारी विभिन्न जिलों से आकर लखनऊ में 3 दिन से भूखे प्यासे लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे कई कर्मचारियों की हालत बिगड़ती गई कुछ कर्मचारी बेहोश हो गए जिनको 108 नंबर की एंबुलेंस बुलाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय भेजा गया और उनका इलाज शुरू कराया गया।
उचित कार्रवाई नहीं हो रही
संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल एवं मीडिया प्रभारी सच्चिदानंद द्वारा लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता कर निराकरण की कोशिश की जा रही है। मगर शासन के इन अधिकारियों द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं हो रही है 15 दिन पूर्व ही सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य वी हेकाली झीमोमी से वार्ता हुई थी तथा 5 दिन पहले प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने भी 3 दिन के अंदर सीएमओ को आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था।
कर्मचारियों में रोष
शासन से कोई कार्रवाई ना होने के कारण सभी कर्मचारी आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं है और मजबूर होकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। आंदोलनकारी किसी कर्मचारी का स्वास्थ्य गंभीर होता है तो इसकी सारी जिम्मेदारी शासन की होगी क्योंकि मामले से मंत्री एवं प्रमुख सचिव को अवगत करा दिया गया है। आज भी जीपीओ से एसडीएम ने पत्र लिया है और शासन को अवगत कराया होगा। प्रदेश सरकार के इस लचीले रवैया से प्रदेश के कर्मचारियों में बहुत रोष है और जल्द ही बड़ा आंदोलन को तैयार है। सरकार स्वास्थ्य कर्मचारी और युवाओं के साथ दुव्र्यवहार कर रही है।