लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में बाथरूम में गिरने से एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गई। वहां के स्टाफ में से कोई भी बुजुर्ग मरीज को उठाने भी नहीं पहुंचा और मरीज करीब 10 मिनट तक वहीं पर पड़ रहा। घटना से नाराज तीमारदारों ने पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों पर मरीजों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया।
10 मिनट तक मरीज बाथरूम में तड़पता रहा
सांस लेने में तकलीफ के चलते मडिय़ांव नौबस्ता निवासी माधवराम (80) को दो दिन पहले अचानक बीयत बिगडऩे के चलते परिजन बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। प्राथमिक इलाज के बाद बुजुर्ग को वार्ड नंबर-2 में शिफ्ट कर दिया गया। शनिवार दोपहर करीब एक बजे मरीज बेड से उठकर अकेले बाथरूम गए थे। दरवाजा बंद करते ही वह बाथरूम में गिर गए और खून से लथपथ हो गया। करीब 10 मिनट तक मरीज बाथरूम में तड़पता रहा। मरीज के तीमारदार उस वक्त वार्ड से बाहर गए हुए थे।
कर्मचारियों ने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया
इसी दौरान एक अन्य मरीज को पकड़कर तीमारदार बाथरूम आ रहे थे। फर्श पर खून से लथपथ हाल में बुजुर्ग को देख वह घबरा गए। उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। मौके पर पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारी पहुंचे। लेकिन बुजुर्ग को उठाया तक नहीं। मरीज का बेटा जगदीश प्रसाद वहां पहुंचे। पिता जी को खून से लथपथ देख घबरा गए। मदद के लिए गुहार लगाई। इसके बावजूद कर्मचारियों ने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया। दूसरे तीमारदारों की मदद से जगदीश पिता को उठाकर बेड पर लेकर पहुंचे। बेड पर लिटाया। पैरामेडिकल स्टाफ ने उन्हें देखा और मरीज की मृत्यु होने की जानकारी परिवारीजनों को दी। इस पर परिवारीजन भड़क उठे और परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामले की सूचना पाकर पुलिस पहुंची और तीमारदारों को शांत कराया।