नई दिल्ली। आयुर्वेद के अनुसार ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मां को लवणरस की जगह मधुररस का सेवन ज्यादा करना चाहिए, इस तरह के आहार से मां सम्पूर्ण पोषण मिलता है। मां का दूध बच्चे के शारीरिक व मानसिक पोषण के लिए बेहद आवश्यक होता है। इसलिए जरूरी है कि स्तनपान कराने वाली मां का आहार पोषक तत्वों से भरपूर हो।
आहार में करें शामिल
आयुर्वेद के अनुसार स्तनपान कराने वाली महिलाओं को तुरई, लहसुन, सौंफ, जीरक, दसमूल, सतावरी, अश्वगंधा जैसी चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इससे दूध बढऩे के साथ दूध की गुणवत्ता भी बढ़ती है। साथ ही मां को अंदरूनी ताकत मिलती है।
वजन बढ़ा हो तो करें ये काम
बच्चे को 6 माह तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए। जब बच्चा अन्न का सेवन करने लगे तब उसे अच्छी सेहत के लिए घी, शहद और दही जैसी चीजों का सेवन कराना चाहिए। प्रेग्नेंसी के बाद यदि मां का वजन बढ़ा हुआ है तो भुजंगासन, ताड़ासन, पदमाशन आदि योग से कम किया जा सकता है।