लखनऊ। वेंटिलेटर न मिलने से एक मरीज की मौत का मामला सामने आया है। मरीज को लेकर परिजन केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल के चक्कर लगाते रहे। अंतत: लोहिया अस्पताल ले जाते समय मरीज ने दम तोड़ दिया। अब पीडि़त परिजनों ने मुख्यमंत्री से शिकायत करने का मन बना लिया है।
ब्रेन हेमरेज से पीडि़त था मरीज
सीतापुर के लहरपुर बहरवा निवासी विश्राम (45) को शुक्रवार को ब्रेन हेमरेज हुआ था। परिवारीजनों ने उसे सीतापुर के जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। यहां से शनिवार सुबह डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया। तीमारदार केजीएमयू के लिए रवाना हुए। तीमारदार विश्राम को लेकर ट्रॉमा पहुंचे तो वहां वेंटिलेटर नहीं मिला। डॉक्टरों ने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा। करीब डेढ़ बजे भाई बद्री मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचा।
यह है आरोप
आरोप है कि यहां पर वेंटिलेटर खाली होने पर भी डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं किया। साथ ही उन लोगों से फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ ने अभद्रता भी की। इस बात की शिकायत लेकर तीमारदार बलरामपुर के अफसरों के पास भी गया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। आखिरकार तीमारदार उसे लेकर लोहिया अस्पताल की ओर रवाना हुए। एंबुलेंस में तोड़ा दम तीमारदार विश्राम को लेकर एंबुलेंस से लोहिया अस्पताल ले जा रहे थे। बीच रास्ते में ही विश्राम की सांसें थम गईं। तीमारदार जब लोहिया अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आखिरकार तीमारदार शव लेकर सीतापुर चले गए।
निदेशक ने कही ये बात
भाई का आरोप है कि डॉक्टरों की संवेदनहीनता से भाई की जान गई। मामले की शिकायत सीएम से करने की बात कही है। वहीं इस मामले में बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने कहा कि वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित टेक्नीशियन और स्टाफ के पदों की स्वीकृति के लिए शासन को मांग भेजी गई है। वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ न होने की वजह से ही मरीज को लौटाया गया होगा।