मुंबई। अब अमेरिका के बाजारों में दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डी की सहायक कंपनी प्रोमियस फॉर्मा एलएलसी की माइग्रेन की दवा को मंजूरी मिल गई है। यह एक स्प्रे के रूप में अमेरिका के बाजारों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। माइग्रेन के इलाज के लिए बनाई गई तोसिमरा दवा को अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएस एफडीए) से मंजूरी मिल गई है। इस संदर्भ में डॉ. रेड्डी ने बाजार नियामक को सूचित कर दिया है।
यूएस एफडीए की मंजूरी
सोमवार को बाजार नियामक की ओर से बताया गया है कि डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज लिमिटेड ने अपनी सहायक कंपनी प्रोमियस फॉर्मा एलएलसी के साथ मिलकर वयस्कों में माइग्रेन के उपचार के लिए तोसिमरा (पूर्व नाम डीएफएन-02) दवा का निर्माण किया था, उस दवा को यूएस एफडीए की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है। तोसिमरा का उपयोग वयस्कों में माइग्रेन के उपचार के लिए किया जाता है।
स्प्रे के रूप में तैयार की गई यह दवा
जीवी प्रसाद (सह-अध्यक्ष और सीईओ, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज) ने बताया कि तोसिमरा को अमेरिका सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अनुमोदन मिल गई है। कंपनी की ओर से बनाई गई यह दवा माइग्रेन और एचसीपी मरीजों का बेहतर तरीके से उपचार कर सकेगी। डॉ. अनिल नंबूदरीपाद (अध्यक्ष, प्रॉमियस फॉर्मा) ने बताया कि तोसिमरा नाक के जरिए उपयोग की जानेवाली स्प्रे के रूप में उपलब्ध कराई गई है। स्प्रे के रूप में तैयार की गई यह दवा जल्द ही रक्त में मिश्रित हो जाती है और बेहतर परिणाम देती है।
यह दवा 4 मिलीग्राम सुमैट्रिप्टन इंजेक्शन के समान असर दिखाती है। एक स्वतंत्र शोध से पता चलता है कि 26 फीसदी से 40 फीसदी माइग्रेन के मरीज मौजूदा उपचार प्रक्रिया से ठीक नहीं हो पाता है। नई दवा ऐसे मरीजों के लिए बेहतर नतीजे लेकर आई है। हालांकि तोसिमरा का उपयोग हार्ट अटैक से पीडि़त मरीजों के लिए घातक हो सकता है। बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के यह दवा नहीं लेना चाहिए।