लखनऊ। राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सभागार में प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार यादव ने की। इस बैठक में प्रदेश के 75 जिलों के अध्यक्ष व सचिव ने भाग लिया।
चिकित्सकों में आक्रोश
बैठक में प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएस) के चिकित्सक प्रोन्नति तथा वेतन भत्ते के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस मामले को लेकर पीएमएस प्रदेश सरकार के खिलाफ आर-पार के मूड में हैं। पीएमएस के अध्यक्ष डॉ. अशोक यादव ने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो सरकारी चिकित्सक आन्दोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
सरकार असंवेदनशील रवैया अपना रही
डॉ. यादव ने कहा कि चिकित्सा सेवा जैसे संवेदनशील संवर्ग पर सरकार असंवेदनशील रवैया अपना रही है जिससे संवर्ग की छवि इतनी खराब हो गयी है और नये चिकित्सक संवर्ग को ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। दूसरी तरफ कार्यरत चिकित्सकों की प्रोन्नति, समयबद्ध वेतनमान, नॉन प्रैक्टिसिंगपे तथा अन्य भत्तों पर अनिर्णय की स्थिति से आक्रोश व्याप्त है।
यह कहा महामंत्री ने
संघ के महामंत्री डा. अमित सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर हलफनामा देने की बात हुई तो जनहित की दुहाई दुते हुए सरकारी चिकित्सकों को अति विशिष्ट सेवा संवर्ग बताते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति न देने की बात करता है और जब चिकित्सकों के अधिकारों पर निर्णय लेने की बात होती है तो ये विशिष्ट संवर्ग के चिकित्सकों को साधारण संवर्ग से भी ज्यादा उपेक्षित कर दिया जाता है। डा. अमित सिंह ने कहा कि सरकार व शासन में बैठे लोगों की हठधर्मिता की वजह से चिकित्सक आन्दोलन की राह चुनने को मजबूर हो गये हैं।
कब क्या करेंगे
आन्दोलन के प्रथम चरण में सरकार को जगाने के लिए तथा आम जनता को भी अपनी पीड़ा से अवगत कराने के लिए 17 सितम्बर को प्रेस कान्फ्रेंस, 24 सितम्बर को जिलाधिकारी के माध्यम से सभी जनपदीय शाखाओं द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जायेगा। इसके बाद 1 अक्टूबर को काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। इस बीच यदि सरकार द्वारा प्रभावी निर्णय नहीं लिया गया तो प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ किसी भी तरह का आन्दोलन की राह चुनने को मजबूर होगा।