लखनऊ। विटामिन ए हमारे शरीर के बहुत जरूरी है। इसकी कमी होने से हर साल ांच लाख नवजात शिशुओं की आंख की रोशनी जा रही है। विटामिन ए की कमी ना होन दें। बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत डफरिन अस्पताल में विटामिन की जरूरत पर कार्यशाला का शनिवार को आयोजन हुआ।
यहां मरीजों को विटामिन ए की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया गया। यहां बताया गया कि बच्चों को समय-समय पर विटामिन की खुराक देनी चाहिए। पहली खुराक जन्म के नौ माह पर दी जाती है। यह जानकारी डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान ने शनिवार को दी।
आंख की झिल्ली, कॉर्निया सूखती है
यहां पर अस्पताल की प्रमुख अधीक्षिका डॉ. नीरा जैन, सीएमएस डॉ. लिली सिंह, डॉ. मोहित आदि मौजूद थे। डॉ. सलमान ने बताया कि जिन बच्चों को आंत की बीमारी, लिवर और पित्त की समस्या होती है। ऐसे बच्चों को विटामिन ए की कमी का खतरा रहता है। इसका असर बच्चों की आंख पर पड़ता है। बच्चे की आंख की झिल्ली, कॉर्निया सूख जाती है। यहां तक की आंख में अलसर बन जाता है। इससे बच्चे में अंधता आ जाती है। देश में एक साल में करीब पांच लाख बच्चे इस समस्या से पीडि़त होते हैं।