लखनऊ। होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में संविदा पर की गयी शिक्षकों की भर्तियों में लापरवाही उजागर हुई है। यह भर्तियां पिछले साल 2018 में हुई थीं। भर्तियों में हुई लापरवाही को लेकर लोकायुक्त के समक्ष दायर परिवाद पर दिये गये जांच के निर्देश के अनुपालन में शासन ने निर्देश जारी कर दिये हैं। जांच में कोई भी व्यावधान ना आए, इसके लिए मौजूदा होम्योपैथिक निदेशक प्रो. वीके विमल को पद से हटा दिया गया है। फिलहाल प्रो. वीके विमल को उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसाइटी के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। भर्ती में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी हेकाली झिमोमी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
हाईकोर्ट का रास्ता
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रशांत कुुमार की ओर से 10 अक्टूबर को जारी निर्देशों में कहा गया है कि होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों के वरिष्ठ अधिकारी कानपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आनन्द कुमार चतुर्वेदी को निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। प्रमुख सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिया गया है कि लोकायुक्त के इस फैसले के विरुद्ध प्रो वीके विमल हाईकोर्ट का सहारा भी ले सकते हैं इसलिए इसमें जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक कैवियट भी दाखिल की जाये।
नियुक्ति में घोर अनियमितता
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेजों में होम्योपैथी शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति में घोर अनियमितता बरते जाने की शिकायत आजमगढ़ के पतरूराम विश्वकर्मा की ओर एक परिवाद के बाद लोकायुक्त की ओर से जांच का निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रकरण की जांच के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सचिव हेकाली झिमोमी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।