डेस्क। क्या आपको भी डिप्रेशन है। यह एक प्रचलित मानसिक रोग है। यह आपको कई कारणों से हो सकता है। जैसे- घरेलू विवाद, अत्यधिक व्यस्तता, आगे निकलने की होड़, मन मुताबिक काम न होना, अधिकारी द्वारा तिरस्कृत किया जाना या अपनी क्षमता पर संदेह जैसे कई कारण हैं जो अवसाद में ले जाते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं कि आपको इन्ही करणों से डिप्रेशन हो। जी हो यह बिल्कुल सच है। कुछ पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी अवसाद अपनी चपेट में ले लेते हैं। तो जानिए क्या है वो।
मैग्नीशियम एक रासायनिक तत्व है जो हमारे लिए बहुत उपयोगी है। शरीर का आधे से ज्यादा मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है जबकि बाकी शरीर में हाने वाली जैविक क्रियाओं में सहयोग करता है। मैग्नीशियम मस्तिष्क सहित शरीर के अनेक ऊतकों के सही ढंग से काम करने के लिए अनिवार्य है। मैग्नीशियम की भरपूर मात्र न लेने से सिरदर्द, अनिद्रा, तनाव आदि की शिकायत हो सकती है। सर्दियों के महीनों में खासतौर पर हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इसका कारण ये है कि इस समय सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता, जो कि विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है। इस कमी से बचने के लिए हमें विटामिन डी के विकल्प अपनाने की जरूरत है।
लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं और 50 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी होती है। वहीं केवल तीन प्रतिशत पुरुषों में ये कमी पाई जाती है। आयरन की कमी से ऐनीमिया हो जाता है। इसके लक्षण डिप्रैशन के लक्षणों की तरह ही हैं, थकान, चिड़चिड़ापन। ऐमीनो ऐसिड्स की कमी से सुस्ती, एकाग्रता की कमी व डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ऐमीनो ऐसिड्स के अच्छे स्रोत बीफ, अंडे, मछली, बींस, सीड्स और नट्स हैं।
विटामिन बी समूह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सही से काम करने में मदद करता है। यह ब्रेन, स्पाइनल कोर्ड और नसों के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होते हैं। कमी होने पर आप अचानक थकान महसूस कर सकते हैं, डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं।