लखनऊ। बाबू बनारसी दास डेंटल कॉलेज के सभागार में निर्वाण मानसिक एवं नशा रोग चिकित्सा के तत्वावधान में होप दनिशिएटिव संस्था के साथ छात्र-छात्राओं के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का थीम तम्बाकू एवं हृदय रोग पर आधारित था।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को बताया
कार्यक्रम में एसजीपीजीआई के बाल रोग विभाग के डॉ. पियाली भट्टïाचार्य ने तम्बाकू से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग तम्बाकू के सेवन से अपनी जान गवां देते हैं। डेंटल छात्र-छात्राओं का यह भी कर्तव्य है कि ऐसे लोगों को ऐसा करने से रोकें।
नशा छोडऩे की इच्छा जागरूक करें
इस दौरान निर्वाण मानसिक एवं नशा रोग चिकित्सा के मनोवैज्ञानिक गिरजेश चन्द्र श्रीवास्तव ने लोगों को तम्बाकू और अन्य नशे को करने और रोकने के मनोवैज्ञानिक कारणों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर का डर बताया जाता है लेकिन यह ज्यादा कारगर नहीं है, जरूरत है कि मरीज के अंदर नशा छोडऩे की इच्छा जागरूक करना। अगर मरीज चाहता है कि नशा छोड़े और वह नहीं छोड़ पा रहा है तो उसे मनोवैज्ञानिक से सलाह लेने की जरूरत है।
निजी जिंदगी पर बुरा प्रभाव
निर्वाण अस्पताल के डॉ. प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि नशा करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के अलावा व्यक्ति की निजी जिंदगी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा मरीज के सोचने-समझने की झमता में कमी आती है। ऐसे लोगों के साथ सहयोगात्मक रैवया अपनाना चाहिए।
ये मौजूद रहे
कार्यशाला में होप इनिशिएटिव संस्था के प्रबंधक जयदीप धोंदियाल, समन्वयक रेशमा समी, बीबीडी डेंटल कॉलेज के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के प्रो. मनु नारायण और सभी डेंटल चिकित्सक, शिक्षक ओर स्टाफ मौजूद थे।