लखनऊ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्शी का तालाब में बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने ब्लॉक की सभी आशा संगिनियों को उनके अधीन आने वाली आशाओं के सहयोग एवं पर्यवेक्षण के लिए स्मार्टफोन वितरित किए गए। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि आशाओं व आशा संगिनियों का कार्य है कि वे सबका स्वास्थ्य के लक्ष्य को लोगों के द्वार तक पहुंचाये ताकि आम आदमी के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम किया जा सके।
मातृ मृत्यु व शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग को किया आसान
संगिनियों ने विगत चार वर्षों के दौरान मोबाइल के उपयोग करने से उनके काम में हुयी सहायता के संबंध में भी मुख्य चिकित्साधिकारी को जानकारी दी। आशा संगिनी रचना सिंह ने कहा कि 10 बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आशाओं का सहयोग व पर्यवेक्षण करना होता है। पहले इनमें से कुछ सूचकांकों को वे भूल जाती थीं किन्तु अब इस मोबाइल एप के जरिये उन्हें ये सभी सूचकांक याद रहते हैं। इस मोबाइल एप ने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग को भी आसान किया है। साथ ही साथ उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं कि पहचान एवं उनका संदर्भन भी इस एप के चलते आसान हुआ है।
इस अवसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. के.डी.दीक्षित, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, सीआरएस के स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबन्धक डॉ. सतीश श्रीवास्तव, उमेश कुमार गुप्ता, नीरज शर्मा एवं वात्सल्य के कार्यक्रम अधिकारी सीतांशु आदि उपस्थित थे। बक्शी का तालाब एवं इटौंजा ब्लॉक की सभी आशा संगिनियां विगत चार साल से मोबाइल फोन के माध्यम से अपनी आशाओं के कार्यों में सहयोग कर रही हैं व उनका पर्यवेक्षण कर रही हैं। यह पायलट परियोजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कैथोलिक रिलीफ सर्विसेस (सीआरएस) व वात्सल्य द्वारा संयुक्त रूप से लखनऊ के उपरोक्त विकासखंडों के अलावा कौशांबी के सभी विकासखंडों में चलाया जा रहा है।