लखनऊ। अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर गुस्साए संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी का एक प्रतिनिधि मंडल एसीएम के नेतृत्व में सोमवार को दोपहर चिकित्सा स्वास्थ्य सचिव बी हेकाली झिमोमी और चिकित्सा शिक्षा के विशेष सचिव जयन्त नर्लिकर से मुलाकात की। मुलाकात में आश्वासन मिलने के बाद पदाधिकारियों ने कहा कि मांगों का निराकरण 15 दिन में नहीं हुआ तो संघ कार्य बहिष्कार करने के लिए बाध्य होगा।
1 नवंबर को बनाई जाएगी नियमावली
बैठक में तीन मांगों को लेकर सहमति हुई है जिसमें अवकाश, न्यूनतम वेतन 18000, आउटसोर्सिंग और सुरक्षा का मुद्दा है। इसे लेकर 1 नवंबर को नियमावली बनाई जाएगी। संघ के मीडिया प्रभारी सच्चिदानंद मिश्रा ने बताया कि समान कार्य समान वेतन शासन ने पास कर दिया है। वहीं केजीएमयू की गवर्निंग बॉडी ने भी इसे मान लिया है। पीजीआई और राम मनोहर लोहिया की गवर्निंग बॉडी ने इस मामले पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। संस्थान के इस ढीले रवैये से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
ये थे मौजूद
प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल, महामंत्री सूरज गुप्ता, मंत्री मनीष मिश्रा, संगठन मंत्री सोनू शुक्ला, मीडिया प्रभारी सच्चिदानंद मिश्रा मौजूद थे।