लखनऊ। संचारी रोगों से बचने के लिए पशुपालन विभाग गांव में सूअर बाड़ों को चिन्हित कर प्रधान के माध्यम से गांव के बाहर निकालने का काम करेगा। यह निर्णय संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा-3 के अंतर्गत बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में अन्तर्विभागीय समन्वयन समिति की बैठक में लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता सीएमओ डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने की। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत प्रत्येक बृहस्पतिवार को, खण्ड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सभी विभागों के एक रिव्यु बैठक होगी जिसमें सप्ताह की गतिविधियों को देखा जायेगा। बैठक में नोडल अधिकारी संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा डॉ. केपी त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
कुपोषित बच्चों की रिपोर्ट देंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
समेकित बाल विकास विभाग के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों की पहचान कर अपनी रिपोर्ट देगी और अन्य विभागों का सहयोग भी करेगी। कार्यशाला में स्वास्थ्य, शिक्षा, समेकित बाल विकास, पशुपालन, नगर विकास, ग्राम विकास, पंचायती राज विभाग के ब्लाक स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। स्वास्थ्य विभाग एक नोडल विभाग के रूप में काम कर रहा है।
हैण्डपंप करें चिन्हित
पंचायती राज विभाग के अंतर्गत प्रधान गांव में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति की बैठक कर उसमें कार्यक्रम के बारे में लोगों को विस्तार से बताएंगे। गांव में झाडिय़ों की सफाई, तालाबों के किनारों की सफाई व अन्य सार्वजानिक स्थलों की सफाई करवाना और गांव में ऐसे हैण्डपंप जिनका पानी पीने योग्य नहीं है, उन पर लाल निशान लगाकर उन्हें चिन्हित करना तथा लोगों को बताना कि अब इसका पानी उपयोग करने के लायक नहीं है, का जिम्मा रहेगा।
गांव में निकाली जाएगी रैली
गांव में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अब तक कितने शौचालयों का निर्माण हो चुका है व इस पखवाड़े में कितने शौचालयों का निर्माण हुआ है इसकी रिपोर्ट देना होगा। गांव में बैठकें कर लोगों को संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के बारे में बताना भी पंचायती राज विभाग का काम होगा। शिक्षा विभाग स्कूल के बच्चों को जागरूक करेगा और संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा की जागरुकता के लिए गांव में रैली निकाली जाएगी।
सीएमओ डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने ने कहा कि इस पखवाड़े में जो विभाग प्रतिभाग कर रहे हैं वे अपने उत्तरदायित्वों का निर्वाह जिम्मेदारी से करते हुए पखवाड़े को सफल बनाएं। एसीएमओ वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. केपी त्रिपाठी ने कहा कि कार्ययोजना बनाकर कार्यान्वित किया जाए। अधिक से अधिक लोगों को कार्यक्रम के बारे में जागरूक किया जाए और कार्यक्रम से जोड़ा जाए।