लखनऊ। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक रमेश कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में सीआरसी 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन कर रहा है जिससे समाज में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित भ्रांतियों को दूर किया जा सके तथा समाज को सही दिशा दिया जा सके। इस क्रम में बुधवार को मातृ छाया एनजीओ में जाकर सीआरसी गोरखपुर की टीम ने जागरुकता का कार्यक्रम किया। इसमें लगभग 35 लोगों ने प्रतिभाग किया।
दिव्यांगता रोकने का प्रयास
सी.आर.सी. गोरखपुर दिव्यांगता पुनर्वास एवं कौशल विकास के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के अन्तर्गत, राष्ट्रीय बहु दिव्यांगता जन सशक्तिकरण संस्थान चेन्नई के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन कार्यरत केंद्र है। सी.आर.सी. गोरखपुर दिव्यांगता पुनर्वास के लिए समाज में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन करता रहता है जिससे दिव्यांगता को रोका जा सके।
चित्र कला प्रतियोगिता में 40 लोगों ने लिया भाग
कार्यक्रम की समन्यवक डा. सबाह हैदर ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के निराकरण के बारे में लोगों को बताया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में सीआरसी गोरखपुर में डेफ वेलफेयर सोसायटी के श्रवण दिव्यांगों तथा सीआरसी स्टाफ के लिए डॉ. सबाह हैदर ने वक्तव्य प्रस्तुत किया कि किस प्रकार से मानसिक तनाव तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है। श्रवण दिव्यांगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य विषय पर चित्र कला प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें लगभग 40 लोगों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सीआरसी के अधिकारी/कर्मचारी जिसमें नीरज मधुकर, नागेन्द्र पांडे, धर्मेन्द्र, बसंत कुमार, अंकित कुमार, राजेश कुमार, अरविन्द कुमार, श्रुति, श्रवण आदि उपस्थित थे।