लखनऊ। नौकरी से न हटाए जाने का अनुरोध लेकर शनिवार को अस्पतालों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल सीएम योगी के दरबार में पहुंचा। यहां पर मौजूद अधिकारियों को अपना मांग पत्र सौंप दिया। कर्मचारियों के मांग पत्र को महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया है। मामले को संज्ञान में लेकर कर्मचारियों के समस्याओं के निराकरण का आदेश भी दे दिया गया है।
पीएम मोदी को भी किया है ट्वीट
प्रदेश के 32 सरकारी अस्पतालों में ई-हॉस्पिटल परियोजना के तहत संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। राजधानी के बलरामपुर, सिविल, लोहिया समेत अन्य अस्पतालों में करीब 400 कर्मचारी तैनात हैं। यह कर्मचारी अस्पताल के ओपीडी में पर्चा बनाने, जांच शुल्क जमा करने समेत अन्य कार्य में लगे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें छह से 10 हजार रुपए तक मिलते हैं। इससे उनके परिवार का गुजारा चल रहा है। संविदा कर्मचारियों ने करीब चार दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट भी किया है। इस ट्वीट में इन संविदा कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें नौकरी से न हटाया जाए।
दोहरी नीति से युवाओं का भविष्य अंधकार में
इन कर्मचारियों ने लिखा है कि डिजिटल इंडिया के तहत प्रधानमंत्री लोगों को रोजगार देने की बात कहते हैं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अफसर संविदा कर्मचारियों को नौकरी से हटाकर उन्हें बेरोजगार करने में जुटे हैं। इस दोहरी नीति से युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। इन कर्मचारियों का कहना है कि एनएचएम की ओर से उन लोगों को 30 जून को हटाने का आदेश भेजा गया है।