लखनऊ। आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रदेश की महिलाओं को पीएमएमवीवाई (प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना) का लाभ मिलता रहेगा। इसकी जानकारी दी पीएमएमवीवाई के स्टेट नोडल अधिकारी राजेश बांगिया ने।
कई सरकारी योजनाओं को रोका
स्टेट नोडल अधिकारी के अनुसार आचार संहिता लागू होने के कारण प्रदेश में कई सरकारी योजनाओं को रोका गया है लेकिन सरकार की ओर से सुरक्षित मातृत्व को प्रोत्साहित करने के लिए चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को सुचारु रखने का फैसला लिया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस योजना को पूर्ववत जारी रखने का निवेदन किया था।
योजना के उद्देश्यों से अवगत कराया
जिसपर भारत निर्वाचन आयोग ने महिला एवं बाल विकास विभाग के निवेदन को स्वीकार करते हुए आचार संहिता के कारण इस योजना को पूर्व की तरह जारी रखने का निर्देश दिया है। स्टेट नोडल अधिकारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर योजना की बुनियादी उद्देश्यों से अवगत कराया। साथ ही पत्र के जरिये बताया गया कि योजना का उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देना है।
निर्वाचन आयोग ने दिया निर्देश
यह प्रोत्साहन राशि मजदूरी करने वाली महिलाओं के लिए आंशिक नुकसान भरपाई के रूप में दी जा रही है ताकि माताएं प्रथम शिशु के जन्म से पहले व बाद में आवश्यक विश्राम प्राप्त कर सके। पत्र के माध्यम से बताया गया कि इस योजना के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने के लिए उनके बैंक अकाउंट में सही समय पर सीधा पैसा डाला जा रहा है। आचार संहिता के कारण कैश ट्रांसफर में कोई दिक्कत आने पर लाभार्थी सही वक्त पर योजना का लाभ लेने से वंचित हो सकते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा योजना के विषय में भारत निर्वाचन को विस्तार से दिए गए जानकारी के आधार पर निर्वाचन आयोग ने इस योजना को आचार संहिता से दूर रखने का निर्देश दिया है।
यह है योजना
इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे के लिए 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है जो सीधे गर्भवती महिलाओं के खाते में पहुंचती है। इस धनराशि को तीन किस्तों में दिया जाता है। गर्भवती महिला को पंजीकरण कराने पर पहली किस्त 1000 रुपये दी जाती है। दूसरी किस्त में 2000 रुपये गर्भ धारण के छ: माह बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने के उपरांत दी जाती है। तीसरी और अंतिम किस्त में 2000 रुपये बच्चे के पहले चक्र के टीकाकरण पूर्ण कराने पर दी जाती है।