लखनऊ। संक्रामक बीमारियों और दिमागी बुखार से होने वाली असमय मौतों को रोकने के लिए संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान की शुरुवात की गई है। प्रदेश सरकार ने इस महत्वपूर्ण अभियान की जिम्मेदारियां ग्राम पंचायतों को दी हैं। ग्राम प्रधानों को उनके गांवों का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। यह अभियान 01 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोकभवन के सभागार में संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान की शुरुआत के दौरान कही।
दस्तक चैम्पियन्स को किया सम्मानित
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दस्तक चैम्पियन्स को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार के विषय में जन-जागरूकता बढ़ाने में दस्तक चैम्पियन्स ने विगत वर्ष महत्वपूर्ण कार्य किया है। दस्तक चैम्पियन्स के रूप में आशा कार्यकत्रियों, ग्राम प्रधानों, शिक्षकों तथा चिकित्सा अधिकारियों का प्रयास सराहनीय है। गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल के प्रत्येक जनपद से इनमें से प्रत्येक श्रेणी के एक-एक उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया गया है। दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गोरखपुर तथा बस्ती मण्डल के सभी जनपदों के जनपद एवं ब्लाॅक स्तरीय चिकित्सालयों पर दिमागी रोग उपचार केन्द्र (ईटीसी) स्थापित किए गए हैं।
104 ईटीसी पर टैबलेट कम्प्यूटर उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिमागी रोग उपचार केन्द्रों की गतिविधियों की प्रतिदिन निगरानी हेतु सभी 104 ईटीसी पर टैबलेट कम्प्यूटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन टैबलेट कम्प्यूटरों में एक विशेष साॅफ्टवेयर विकसित कर लोड किया गया है, जिसके जरिए उपचार केन्द्र पर प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या, दवा की उपलब्धता, उपकरणों की क्रियाशीलता तथा मरीज की ताजा स्थिति की नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी। यह टैबलेट कम्प्यूटर्स आज यहां ईटीसी के चिकित्सकों को वितरित किये गये हैं।
प्रचार-प्रसार किया जाएगा
मुख्यमंत्री के अभियान की शुरुआत करने के बाद आज से ही ग्राम स्तर पर जनसंपर्क और जनजागरण अभियान शुरू हो गया। इस अभियान के तहत ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई और घर से जल निकासी के लिए लोगों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए गांवों में उथले हैंडपंपों को चिह्नित कर उनका प्रयोग रोका जाएगा। इनके स्थान पर इंडिया मार्क टू हैंडपंप का प्रयोग करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में कराई जाएगी फॉगिंग
इस अभियान को और धार देने के लिए माइक्रो फाइनेंस योजना के तहत सामुदायिक वाटर फिल्टर या वाटर पंपयुक्त टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट की स्थापना कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फंड से फॉगिंग कराई जाएगी। रुके हुए पानी और मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिए गड्ढों का भराव कराया जाएगा और मकानों के बीच कंकरीट या पक्की ईंटों वाली सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।
प्रधानों की रहेगी भूमिका
इस अभियान के लिए ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत को नोडल बनाया गया है। ग्राम प्रधानों ने समुदाय के सदस्यों, वार्ड सदस्यों और सामाजिक समूहों के साथ पहली बैठक करके प्रभात रैली निकालकर संचारी रोग नियंत्रण माह का उद्घाटन किया। इसके साथ ही कुछ विभागों को भी जोड़ा गया है जिनमें जल निगम, पशुपालन, कृषि आदि विभाग शामिल हैं। इन विभागों के अधिकारियों से संपर्क करके ग्राम प्रधान गांवों में गतिविधियों का आयोजन कराएंगे। इसके साथ ही ग्राम प्रधान आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी वर्करों को उनकी जिम्मेदारियां निभाने में सहयोग करेंगे।
रोग पर अंकुश लगाने में हम सफल हुए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक संचारी रोगों से सैकड़ों मासूम मौत के शिकार होते थे लेकिन आज मुझे खुशी है कि काफी हद तक इस रोग पर अंकुश लगाने में हम सफल हुए हैं। पहले की सरकारें इस रोग के रोकथाम की प्रति उदासीन रहीं। इस रोग पर अंकुश लगाने में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान की बड़ी भूमिका रही है। सीएम योगी ने कहा कि पहले तो डेंगू होगा नहीं, अगर होता भी है तो सभी जिलों के अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था है। बचाव से ज्यादा ऐसे रोगों को जड़ से समाप्त करने पर पहल करनी की जरूरत है।
संचारी रोग का कारण कुपोषण भी
उन्होंने कहा कि संचारी रोग का एक कारण कुपोषण भी है। यह अभियान कुपोषण गांव को सुपोषित करने पर भी कार्य कर रहा है। यह अभियान प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ चलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दस्तक अभियान के अन्तर्गत प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर 01 से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों के माता-पिता एवं परिजनों को दिमागी बुखार और जापानीज इन्सेफलाइटिस के संदर्भ में शिक्षित करेंगे। उन्होंने कहा कि जापानीज इन्सेफलाइटिस से ज्यादातर मौतों का एक प्रमुख कारण उपचार में देरी है।
मृत्यु में 67 प्रतिशत की कमी
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों के अथक प्रयासों के कारण दिमागी बुखार के प्रकोप पर अभूतपूर्व कमी लाई जा सकी है। उन्होंने कहा कि संचारी रोग अभियान के द्वितीय चरण की शुरुआत है। इस रोग से होने वाली मृत्यु में 67 प्रतिशत की कमी आयी है। इस अभियान को समर्पित भाव और निरन्तर सेवा भाव से जुटाने की जरूरत है।
दस्तक योद्धाओं को सम्मानित किया
मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के 38 जनपद दिमागी बुखार से प्रभावित हैं लेकिन मुख्यमंत्री के प्रयास से इस रोग में 59 प्रतिशत की कमी आयी है। इस मौके पर मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह व स्वाति सिंह समेत चिकित्सा क्षेत्र के कई पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।