लखनऊ। सिविल अस्पताल पर एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री सख्त हैं। इस बार मामला उजागर हुआ है दवाइयों को चोरी कर बाहर बेचने का। लोगों की शिकायत को संज्ञान में लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द से जल्द आख्या मांगी है। इस संबंध में महानिदेशक स्वास्थ्य की ओर से एक पत्र जारी कर तुरंत पूरी जांच और रिपोर्ट देने के निर्देश संबंधित मातहतों को दिए हैं। डीजी ने जांच आख्या सभी साक्ष्यों के आधार पर 15 दिन के भीतर देने को कहा है।
15 दिन में दें रिपोर्ट
सिविल अस्पताल में काफी समय से दवा काउंटर, स्टोर से लेकर इमरजेंसी तक से दर्द और नशे के इंजेक्शन, दवाएं चोरी करके बाहर बेचे जाने के मामला प्रकाश में आ चुका है। स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल ही मामले को संज्ञान में लेकर तुरंत पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह ने मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ मंडल को पत्र भेजकर मामले की जांच और पूरी आख्या देने के निर्देश दिए हैं। डीजी ने जांच आख्या सभी साक्ष्यों के आधार पर 15 दिन के भीतर देने को कहा है। अस्पताल से दवाओं को चोरी करके बाहर बेचे जाने के मामले में कुछ आला अफसर भी मिले हुए हैं।
100 से 200 रुपए में बेचते थे
इमरजेंसी से नशे का इंजेक्शन चोरी करके 100 से 200 रुपए में बाहर युवाओं को बेचने के गंभीर मामले की शिकायत के बाद अफसरों ने संविदा कर्मचारी को नौकरी से हटा दिया। इस मामले में लिप्त फार्मासिस्ट व अन्य मातहतों पर कोई कार्रवाई नहीं की और मामले की फाइल को संविदा कर्मचारी को हटाकर ही बंद कर दिया है। वहीं, अस्पताल में चोरी की दवा के साथ पकड़े गए प्रशिक्षु फार्मासिस्टों व युवकों को हटा दिया गया। इस मामले में लिप्त दवा काउंटर पर तैनात व स्टोर के फार्मासिस्टों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की।