28 से शुरू होगा दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
लखनऊ। भारत में हर साल 1.2 लाख बच्चों की मृत्यु दस्त के कारण हो जाती है। यह बच्चों की मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर है जिसका उपचार ओआरएस एवं जिंक की गोली मात्र से किया जा सकता है एवं बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। इसकी रोकथाम के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जाएगा।
दिया गया है आदेश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने पत्र लिखकर सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दस्त नियंत्रण से होने वाली मृत्यु की रोकथाम के लिए 28 मई से 9 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाने का आदेश दिया है।
ये है कारण
पत्र में कहा गया है कि सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (एस आर एस-2016) के अनुसार वर्तमान में बाल मृत्युदर 47/1000 है। बाल्वयास्था में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में 10 प्रतिशत मृत्यु दस्त के कारण होती है। मुख्य कारण दूषित पेयजल, स्वच्छता एवं शौचालय का आभाव तथा 5 वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है। इस वर्ष इस पखवाड़े का उद्देश्य प्रदेश में “Zero Childhood Death due to Diarrhea” के स्तर को प्राप्त करना है।
ओआरएस के पैकेट का वितरण करेंगी आशा कार्यकर्ता
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव ने बताया कि इस पखवाड़े में आशा कार्यकर्ता 0-5 वर्ष तक के बच्चों वाले परिवारों को चिन्हित कर ओआरएस के पैकेट का वितरण करेंगी। सतीश ने बताया कि 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के मध्य दस्त के प्रबंधन एवं उपचार के लिए गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही उच्च प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील समुदायों में जागरुकता प्रदान करना है तथा समुदाय स्तर तक ओआरएस और जिंक की उपलब्धता एवं सही उपयोग की जानकारी को सुनिश्चित करना है।
आशा घर-घर जाकर देंगी जानकारी
आशा घर-घर जाकर छोटे बच्चों के माता पिता को यह बतायेंगी कि बच्चे को दस्त होने पर क्या करें। इतना ही नहीं आशाओं को इस बात की भी जिम्मेदारी दी गयी है कि वे स्वस्थ बच्चों के माता पिता को इस बात के लिए भी सलाह दें कि बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए क्या क्या सावधानियां बरतें। इसके अलावा शारीरिक सफाई के अलावा शुद्ध पेयजल का भी ध्यान रहना जरूरी है।
आशा को 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि
सतीश ने यह भी बताया कि 2 माह से 6 माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली और। माह से 5 साल तक के बच्चों को पूरी गोली 14 दिन तक खिलानी होगी। शिशु व बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि गृह भ्रमण के लिए आशा को 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। जहां आशा की तैनाती नहीं है वहाँ पर काम करने वाली आशा को यह राशि उनके बैंक खाते में मिलेगी। आशाओं को प्रोत्साहन राशि देने के लिए कुल 2,11,700 रुपये की व्यवस्था की गयी है। इस पखवाड़े के तहत प्रचार-प्रसार हेतु कुल 1.18 लाख व प्रशिक्षण हेतु कुल 1.50 लाख रुपये आवंटित किये गए हैं। पूरे जिले में लगभग 500 ओआरएस एवं जिंक कार्नर बनाये गये हैं ।
डॉ. सलमान ने कही ये बात
बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान बताते हैं कि लगातार पतले मोशन और उल्टी होना दस्त या डायरिया कहलाता है। डायरिया वायरल व वैक्टीरियल संक्रमण के कारण तो होता ही है परंतु सबसे सामान्य कारण है प्रदूषित पानी, खान-पान में गड़बड़ी और आंत में संक्रमण। डायरिया में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिसे डीहाईड्रेशन कहते हैं। इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है और अगर समय पर इलाज न मिले तो पीडि़त की मृत्यु भी हो सकती है। डायरिया के ये लक्षण अगर किसी बच्चे में दिखाई दें तो उसे तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए
ये हैं लक्षण
पानी जैसा लगातार मल का होना। बार बार उल्टी होना। अत्यधिक प्यास का लगना। पानी न पी पाना। बुखार हो। इसके अलावा मल में खून आ रहा हो।