लखनऊ। क्वीनमेरी अस्पताल की ओर से रविवार को हजरतगंज के होटल में महिलाओं में होने वाले कैंसर के विषय पर सीएमई का आयोजन किया गया। सीएमई में सर्वाइकल कैंसर और अंडाशय के कैंसर के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. अमिता माहेश्वरी, दिल्ली के यूसीएमएस एंड जीटीपी हास्पिटल की डायरेक्टर डॉ. शालिनी राजाराम ने एक-एक कर महिलाओं में होने वाले कैंसर पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि सीडीआरआई के पूर्व निदेशक प्रो. नित्यानंद और वक्ताओं को क्वीनमेरी अस्पताल की एचओडी डॉ विनिता दास ने पुष्पगुच्छ और मोमेंटो देकर सम्मनित किया।
लक्षण पहचानना मुश्किल
सीएमई में कटक के रिजनल कैंसर सेंटर से आई डॉ. भाग्यलक्ष्मी नायक ने कहा कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर के बाद सबसे खतरनाक कैंसर है गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर। गर्भाशय के मुंह पर होने वाले इस कैंसर को शुरूआती दौर में पहचानना मुश्किल होता है। इस बीमारी के पॅैलने के बाद ही इनके लक्षणों का पता चलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में महिलाओं को 35 से 40 साल पर पेप टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। जिससे समय रहते इलाज किया जा सके।
पेप टेस्ट, एचपीवी वैक्सिन
डॉ. भाग्यलक्ष्मी नायक ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को पहचान पाना मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्ष्ण आमतौर पर जल्दी पकड़ में नहीं आते हैं। इसलिए महिलाओं को पेप टेस्ट और युवतियों में यह कैंसर न हो पाए इसके लिए उनको 15 साल की उम्र तक दो बार एचपीवी वैक्सिन को लगवाना चाहिए। इस कैंसर के होने पर घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इसको विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह कर दवाओं द्वारा ठीक किया जा सकता है।
सरकार शुरू करे अभियान
बच्चों की अधिकता, शारीरिक संबंध अधिक बनाने, तंबाकू का सेवन करने से यह कैंसर महिलाओं में पाया जाता है। इस कैंसर की रोकथाम के लिए आवश्यक है कि सरकार द्वारा जागरूकता अभियान को शुरू किया जाए।
ऐसा होने पर महिलाएं रहें सावधान
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो अमिता माहेश्वरी ने बताया कि निसंतान, ब्रेस्ट या गर्भाशय के कैंसर से जूझ रही महिलाओं को सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि ऐसी महिलाओं को अंडाशय का कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। अंडाशय के कैंसर के लक्षण साधारण पेट की समस्या से जूझ रहे मरीजों की तरह ही होते हैं ऐसे में अगर साधारण रोग अधिक दिन तक रहे तो उसे हल्के में नहीं लें तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। महिलाओं का पेट अगर दो हफ्ते तक फूलेए अपच लगे तो उसे नजरअंदाज न करें क्योंकि यह अंडाशय के कैंसर का मुख्य लक्षण है।
यह जरूरी बात
नई दिल्ली के यूसीएमएस एंड जीटीपी हास्पिटल की डायरेक्टर डॉ. शालिनी राजाराम ने कहा कि आज के दौर में मोटापा, कम दिन होने वाली माहवारी, खराब जीवन शैली और जंक फूड के कारण युवतियों को आगे चलकर पीसीओएस पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिन्ड्रोम यूट्रेस का कैंसर हो सकता है। इसके लिए युवतियों को समय रहते पीरियड्स में हो रही दिक्कत, खानपान और मोटापे पर ध्यान देना चाहिए।
ये थे मौजूद
इस अवसर पर क्वीनमेरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ एसपी जैसवार, डॉ रूपेन्दर शेखर, डॉ निशा सिंह, डॉ उमा, डॉ कुमकुम श्रीवास्तव संग विभाग की डॉक्टर मौजूद रही।