लखनऊ। शिशु को स्तनपान कराने से सौंदर्य में कोई कमी नहीं आती है। यह एक भ्रांति है। 18 से 20 वर्ष की युवतियों को शादी पूर्व ही स्तनपान के लाभ को शिक्षित करना चाहिए। स्तनपान न कराने से शिशु के प्रतिरोधक क्षमता और महिलाओं में कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। उक्त बातें राजकीय नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में आयोजित सेमिनार में प्रोफेसर स्मिता विमल ने कही। कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत होता है। उन्होंने कहा कि स्तनपान से मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहते हैं।
स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म
प्रोफेसर आरसी यादव ने कहा कि मां को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। बच्चे को 6 माह तक मां का दूध पिलाएं कुपोषण से बचाव के लिए मां का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। डॉ नूतन शर्मा ने कहा कि स्तनपान से बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है। अधिकतर महिलाओं को स्तनपान न करा पाने से तनाव की शिकायत हो जाती है जो और दूध की उत्पादकता को कम करता है।
ये थे मौजूद
डॉ दिलीप सोनकर, डॉ अमित नायक, डॉ स्मिता विमल, डॉ राजीव सिंह, डॉक्टर राजेश गौतम, डॉ नूतन शर्मा, डॉ रत्नेश और डॉ तृप्ति गांधी, डॉक्टर ओपी सिंह ने महिलाओं एवं बच्चों में स्तनपान से होने वाले फायदे और होम्योपैथिक दवाइयों का स्तनपान संबंधित समस्याओं में होने वाले प्रभावों के बारे में बताया। इस मौके पर कॉलेज में डॉक्टर शर्मा सहित सभी शिक्षक और छात्र छात्राओं ने भाग लिया।