लखनऊ। लोहिया अस्पताल की महिला डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर जच्चा और बच्चा की जान पर आई आफत को दूर कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भस्थ के सिर में ब्रेन की झिल्ली फूल गई थी। इससे वह अलग दिख रही थी। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि यदि समय रहते ही महिला का ऑपरेशन नहीं किया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची मोनिंगो सील बीमारी से ग्रसित थी। बच्ची की इस गीमारी के चलते उसे केजीएमयू रेफर कर दिया गया है।
मोनिंगोसील बीमारी से पीडि़त थी बच्ची
देवां बाराबंकी की रहने वाली महिला रीमा देवी (27) को शुक्रवार तड़के तीमारदार प्रसूता को गंभीर हालत में लेकर लोहिया अस्पताल आए। जहां पर महिला डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड देखा तो दंग रह गए। डॉक्टरों ने जांच रिपोर्ट में बताया कि बच्ची मोनिंगोसील बीमारी से पीडि़त है। ऐसे में ऑपरेशन ही विकल्प था। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची को ऑपरेशन बाद सकुशल प्रसव कराया। जहां पर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।
बच्ची मैनीगों मायोसेल से ग्रसित
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची मैनीगों मायोसेल बीमारी से ग्रसित है। यह बीमारी फोलिक एसिड कमी के चलते बच्चों में होती है। अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों की टीम बुलाकर बच्ची को दिखाया गया। डॉक्टरों ने उसे केजीएमयू रेफर किया है।
इन डॉक्टरों ने की सर्जरी
डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. माधुरी, डॉ. जेपी तिवारी, डॉ. अमृता व स्टॉफ नर्स मंजू सिंह समेत अन्य कर्मचारियों ने सहयोग किया।