लखनऊ। पैकेट वाला दूध अगर आप भी अपने घर में मंगा रहे हैं तो संभल जाइए। दूध में मिलावट का कारोबार खुलेआम चल रहा है। पैक्ड दूध के कलेक्शन सेंटरों पर पोटाश (हाइड्रोजन पराक्साइड) मिला दूध सप्लाई हो रहा है। यह आपकी सेहत को बनाने के बजाए बिगाडऩे का काम कर रहा है।
पैकेजिंग प्लांट में औचक निरीक्षण
कलेक्शन सेंटर पर होने वाली जांच से पहले पोटाश को एक निश्चित मात्रा में इसलिए मिलाया जाता है क्योंकि दूध खराब न हो और घुलनशील होने के कारण मिलावट रेंडम जांच में पकड़ भी न आए। गौरतलब है कि इस बात का खुलासा तब हुआ जब एफएसओ टीम पैक्ड दूध की सप्लाई से जुड़े पैकेजिंग प्लांट में औचक निरीक्षण करने पहुंची।
तय मात्रा में मिलाते हैं पोटाश
एफएसओ के वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पैकेजिंग प्लांट के कलेक्शन सेंटरों पर सप्लाई पहुंचाने वाले ठेकेदार दो से छह घंटे पहले तक अलग-अलग जगह से दूध जमा करते हैं। सेंटर पहुंचने से पहले दूध खराब न हो जाए, इसके लिए इसमें पोटाश तय मात्रा में मिलाते हैं। यह दूध को बिना गर्म किए रखने पर पनपने वाले लैक्टोबैसिलेस बैक्टीरिया से खराब होने से बचाता है।
यह है बड़ी चुनौती
पैकेजिंग प्लांट में मिलावाट करने वाले दूध में पोटाश की उतनी ही मात्रा मिलाते हैं जितनी कि जांच के समय दूध में घुल जाए। यदि अधिक मात्रा में पोटाश को मिलाया जाएगा तो कुछ समय बाद ही जांच कर मिलावट को पकड़ा जा सकता है। एफएसडीए के जिम्मेदारों का भी मानना है कि पैकजिंग यूनिट व दूधियों की ओर से घरों में पहुंचाए जा रहे दूध में पोटाश की मिलावट को निश्चित समय बाद पकड़ पाना बड़ी चुनौती है।
कार्रवाई होगी
सीएसएफओ एसके मिश्रा ने कहा कि जांच में पोटाश मिलाने की बात सामने आई है। मिलावट के बाद दूध को पैकेजिंग प्लांट के कलेक्शन सेंटर में पहुंचाया जा रहा है। ठेकेदारों की ओर से दिए जा रहे दूध की रेंडम जांच एफएसओ की विशेष टीम से कराई जाएगी। रिपोर्अ में गड़बड़ी पाए जाने के बाद सप्लाई फर्म पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
ऐसा हो सकता है
वहीं वरिष्ठि फिजिशियन डॉ. राकेश सिंह ने कहा पोटाश की मिलावटी दूध शरीर में जाने से एसीडिटी को बढ़ाता है। इससे कुछ समय तक आपका पाचनतंत्र बिगड़ सकता है। कुछ समय तक खट्टी डकार आने और बिना कुछ खाए पेट भरा लगने की समस्या हो सकती है।