लखनऊ। फार्मासिस्टों में प्रमोशन को लेकर कुछ दिनों पूर्व ही खुशी थी। यह खुशी रोष में बदल गई है। ताजा मामला बलरापुर अस्पताल का है। बलरामपुर अस्पताल में चीफ फार्मासिस्ट के समायोजन पर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि बिना स्वास्थ्य महानिदेशक की अनुमति के ही मातहत अफसर समायोजन करने में जुटे हैं।
लगाया यह आरोप
बलरामपुर अस्पताल में चार फार्मासिस्टों को चीफ फार्मासिस्ट बनाया गया है। जबकि एक चीफ फार्मासिस्ट को प्रभारी का प्रमोशन दिया गया है। प्रमोशन पाए फार्मासिस्टों का कहना है कि पहले रिक्त पद पर अस्पताल के ही कर्मचारियों को तैनाती देनी चाहिए। किसी भी बाहरी कर्मचारी का समायोजन का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। कर्मचारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पैरामेडिकल ने बिना स्वास्थ्य महानिदेशक की अनुमति के ही सीतापुर से चीफ फार्मासिस्ट पद पर राजेंद्र वर्मा का समायोजन कर दिया।
रोक के बावजूद खेल जारी
स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की संबद्धता और समायोजन को तात्कालिक प्रभाव से समाप्त करने का आदेश शासन से जारी किया गया है। इस आदेश के जारी होते ही 14 जून को अयोध्या और 15 जून को आगरा मंडल के अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने संबद्धता समाप्त करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी संबद्धता और समायोजन पर रोक लगा रखी है। लेकिन लखनऊ मंडल में खेल जारी है।