बिना अनुभूति के ज्ञान की प्राप्ति मुमकिन नही
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में भारतीय शिक्षण मंडल अवध प्रांत की केजीएमयू इकाई द्वारा आधुनिक चिकित्सा शिक्षा भारतीय परिक्षेप के विषय पर आधारित शनिवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शुभारंभ केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भटट् ने किया।
आधुनिक चिकित्सा से बीमारी खत्म कर सकते हैं
इस अवसर पर कुलपति ने वहां मौजूद तमाम छात्र छात्राओं को चिकित्सा शिक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि बिना अनुभूति के ज्ञान की प्राप्ति मुमकिन नहीं है, खासकर चिकित्सा से जुड़ी शिक्षा में इसका ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा विधि को अपनाकर बीमारी को खत्म किया जा सकता है, लेकिन आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाने से आजीवन स्वस्थ रहा जा सकता है।
बदलती जीवन शैली को बढ़ती बीमारियों का मुख्य कारण
कुलपति ने आधुनिक चिकित्सा शिक्षा में आयुर्वेद पर आधारित ज्ञान की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा शिक्षा पद्धति के समावेश से चिकित्सा व्यवस्था शुरू किया जाना समय की मांग है। उन्होंने बदलती जीवन शैली को बढ़ती बीमारियों का मुख्य कारण बताया और इससे बचने के लिए उचित खानपान और नियमित व्यायाम को जरुरी बताया।
इन्होंने कही यह बात
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानितकर ने आधुनिक चिकित्सा शिक्षा पद्धति में बदलाव के बारे में कहा कि उनका उद्देश्य विज्ञान को भौगोलिक सीमा में बांधना नहीं हैं बल्कि वह इसमें सुधार चाहते हैं। उन्होंने गुरुकुल शिक्षा को बढ़ावा दिए जाने की बात करते हुए कहा कि इससे आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चिकित्सा क्षेत्र में होना जरूरी बताया लेकिन मानव आवश्यकता पर अधिक महत्व दिए जाने की बात कही।