लखनऊ। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर बृहस्पतिवार को जिले के 1090 चौराहे से जागरुकता रैली निकाली गयी। रैली को प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सुरेश चन्द्र ने हरी झंडी दिखाई। डेंगू के बारे में लोगों को जागरूक करने और संचरण का माह शुरू होने से पहले देश में रोग नियंत्रण के लिए निवारक उपायों के साथ ही उसकी तैयारी को तेज करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत प्रतिवर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
1577 डेंगू के संभावित रोगियों की जांच
रैली को संबोधित करते हुये निदेशक संचारी रोग, डॉक्टर मिथलेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष अब तक प्रदेश में 1 जनवरी 2019 से 15 मई तक कुल 1577 डेंगू के संभावित रोगियों की जांच की गयी। इसमें से कुल 43 रोगी डेंगू धनात्मक पाए गए, जबकि पिछले वर्ष 15 मई तक कुल 99 मामले पाये गए थे। अभी तक प्रदेश में एक भी रोगी की मृत्यु डेंगू से नहीं हुयी है। प्रदेश में डेंगू की जांच के लिए वर्तमान में कुल 46 सर्विलान्स लैब क्रियाशील हैं, जबकि गत वर्ष 37 लैब क्रियाशील थीं।
सीएमओ ने कही ये बात
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि डेंगू से बचाव ही सर्वोत्तम उपचार है। हर बुखार डेंगू नहीं होता है। डेंगू एक वायरल बुखार है। जिसके लक्षण आकस्मात तेज सिर दर्द, बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है। गंभीर मामलों में नाक मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना इसके मुख्य लक्षण हैं। हर मच्छर डेंगू फैलाने वाला नही होता है। डेंगू फैलाने वाला मच्छर रुके हुये साफ पानी में पनपता है।
ऐसा जरूर करें
घर के आस पास पानी न जमा होने दें। जैसे कूलर, पानी कि टंकी, पक्षियों के पानी पीने के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल के खोल, टूटे हुये बर्तन व टायर आदि को खाली करके सूखा दें। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी तरह से ढके। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा नहीं है। बुखार उतारने के लिए एस्परीन का उपयोग न करें बल्कि उसके स्थान पर पैरासिटामाल ले सकते हैं। डेंगू के हर रोगी को प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं पड़ती है। प्लेटलेट्स घटने से डेंगू नहीं होता है। स्वयं इलाज न करें। डॉक्टर को दिखाए।
चार जगह जांच की सुविधा
नोडल अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीज, लखनऊ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि लखनऊ में डेंगू जांच की मुफ्त सुविधा एसजीपीजीआई, केजीएमयू तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान गोमती नगर की माइक्रोबायोलॉजी लैब तथा रीजऩल लैब स्वास्थ्य भवन में उपलब्ध है। डेंगू के रोगी के इलाज की व्यवस्था समस्त राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त में उपलब्ध है। बुखार आने पर अपने निकट के राजकीय चिकित्सालय में संपर्क करें।
ये थे मौजूद
इस अवसर पर सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी, निदेशक बलरामपुर चिकित्सालय डॉ. राजीव लोचन, मुख्य चिकित्साधीक्षक बलरामपुर अस्पताल डॉ. आरके सक्सेना, एसीएमओ डॉ. डीके बाजपेयी, डॉ. अजय राजा, डॉ. आरके चौधरी, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. पीके अग्रवाल, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. उमाशंकरलाल व जिला मलरिया अधिकारी डीएन शुक्ला भी उपस्थित थे। रैली में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, आशा, एएनएम के अतिरिक्त पैरा मेडिकल इंस्टीट्यूट के 5000 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।