लखनऊ। आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट की मांगों को लेकर एक बार फिर आश्वासन मिला है। सालों से निदेशालय स्तर की आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों की लंबित समस्याओं के निराकरण के लिए राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मासिस्ट उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष विद्याधर पाठक ने संघ के संरक्षक ध्रुव कुमार त्रिपाठी से संवर्ग के समस्याओं को लेकर मुलाकात की।
ये है मांग
इस दौरान समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि समायोजन, एसीपी, वरिष्ठता सूची कैडर, रिव्यू पर शासन को आख्या प्रेषित ना करने, आयुर्वेदिक औषधियों पर लाइसेंस प्रणाली लागू किए जाने एवं शासनादेश 23 मई 2014 के अनुसार 25 फीसदी पदों पर नियुक्ति कराने की मांग प्रांतीय अध्यक्ष ने 14 फरवरी को संरक्षक से किया था। उक्त पत्र के अनुपालन में संरक्षक ने 22 फरवरी को निदेशक को पत्र लिखा था। इस पत्र को निदेशालय ने संज्ञान में नहीं लिया। संरक्षक ध्रुव कुमार त्रिपाठी 27 मार्च को तत्कालीन सचिव जयंत नर्लीकर से मुलाकात कर आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की निदेशालय स्तर की 7 सूत्रीय मांगों का निदेशक से अनुरोध किया।
सचिव ने दिए निर्देश
सचिव ने आश्वासन देते हुए तुरंत आयुर्वेद निदेशक से वार्ता कर लंबित कार्यों के निस्तारण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। त्रिपाठी ने 27 मार्च को आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों की सेवा संबंधी कार्यों में निदेशक द्वारा हीला हवाली करने की बात मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडे से सात सूत्रीय लंबित कार्यों के लिए समयबद्धता निश्चित करते हुए कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इस पर मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे ने तत्काल निर्देश देते हुए लंबित कार्यों को जल्द से जल्द करने का आश्वासन देते हुए फार्मासिसट संवर्ग के निदेशालय स्तर के सभी लंबित कार्यों को तत्काल निस्तारण के लिए निर्देश दिए। मुलाकात के दौरान संरक्षक के साथ सचिव और मुख्य सचिव से वार्ता के समय संघ के अध्यक्ष विद्याधर पाठक उपस्थित थे।