लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न होम्योपैथिक चिकित्सालयों में कार्यरत लगभग 500 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के 11 महीने का लगभग 35700000 रुपए घोटाले के मामले में संयुक्त स्वास्थ आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ द्वारा प्रमुख सचिव तथा महानिदेशक होम्योपैथिक व मंत्री से की गई थी। महानिदेशक से मांग की गई थी कि जल्द ही सभी कर्मचारियों का अक्टूबर 2019 तक का वेतन भुगतान कराया जाए। महानिदेशक द्वारा कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए यूपीको तथा डिग्नस को नोटिस जारी कर दिया गया और जल्द भुगतान का आदेश भी किया है।
कार्यरत कर्मचारियों को ही सेवा पर लिया जाए
महानिदेशक ने संविदा कर्मचारी संघ को आश्वस्त किया है कि एक सप्ताह के अंदर सभी कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में भेज दिया जाएगा और इस प्रकार की समस्या की पुनरावृत्ति नहीं होगी। संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल एवं प्रदेश मंत्री मनीष कुमार मिश्र ने निदेशक से मांग किया है कि नई सेवा प्रदाता अपट्रान द्वारा पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों को ही सेवा पर लिया जाए क्योंकि यह कर्मचारी लगभग 2 वर्ष पुराने भी हैं और अभी तक बिना वेतन के कार्य करते चले आए हैं।
दो से तीन लाख की वसूली
कर्मचारी बदलने पर अस्पताल की सेवाएं प्रभावित होंगी और दूसरी ओर सेवा प्रदाता फर्म को बेरोजगारों से धन उगाही का मौका मिलेगा। पिछली बार भी जिन कर्मचारियों को नौकरी दिया गया था पूछताछ में कई कर्मचारियों ने संघ को अवगत कराया कि लगभग दो से तीन लाख की वसूली से हुई थी। जबकि कर्मचारियों को प्रतिमाह केवल 6500 वेतन दिया जाता है। संविदा कर्मचारी संघ ने होम्योपैथी विभाग से मांग किया है कि पूर्व में अनुबंधित सेवा प्रदाता फर्म डिग्नस के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफ आई आर दर्ज कराया जाए जिससे कि सभी एजेंसियों को एक सबक मिल सके।
एफआईआर की चेतावनी
प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने कहा कि अगर विभाग कार्रवाई नहीं करता है तो हम सब खुद ही कर्मचारियों को लेकर गोमती नगर थाने में डिग्नस फाइनेंसियल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे और साथ ही संविदा कर्मचारी संघ की पूरी कोशिश रहेगी सभी कर्मचारी नई सेवा प्रदाता द्वारा अपने नौकरी पर बने रहेंगे।