रोगियों के लिए दान में दिए गए उपकरण का उचित प्रयोग हो : राज्यपाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार कसे राजभवन में आस्था सेन्टर फॉर जेरियाट्रिक मेडिसिन पैलिएटिव केयर हास्पिटल को बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा दान की गई ट्रामा एम्बुलेन्स को हरी झण्डी दिखाई। यह एम्बुलेन्स कैंसर पीडि़तों और बुजुर्ग रोगियों के इलाज के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के अन्तर्गत दान की गई है।
दान देने वाला मिलेगा या नहीं मिलेगा कुछ निश्चित नहीं होता
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा ने समाज के लिए कुछ खर्च करने की भूमिका में एम्बुलेन्स दान के रूप में जो सहयोग किया है वह प्रशंसनीय है। बैंक के इस नए दायित्व का परिचय समाज में होगा। अन्य संस्थाएं भी सामाजिक सेवा के लिए आगे आयेंगी। एक श्लोक का मतलब बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि सौ में एक वीर होता है, हजार में एक विद्वान मिलता हैं, दस हजार व्यक्तियों में एक व्यक्ति कुशल वक्ता होता है पर दान देने वाला मिलेगा या नहीं मिलेगा कुछ निश्चित नहीं होता। एम्बुलेन्स के माध्यम से रोगियों की सेवा में आसानी होगी। रोगियों के लिए दान में दिए गए उपकरण का उचित प्रयोग हो।
रोगी सेवा परम सेवा
उन्होंने कहा कि एम्बुलेन्स का दुरुपयोग न हो बल्कि जिस कार्य के लिए दान मिला हैं उसी के लिए उपयोग हो। नाईक ने कैंसर एवं वृद्धावस्था के जटिल रोगों से ग्रसित मरीजों के लिए कार्य करने वाली संस्था आस्था की सराहना करते हुए कहा कि रोगी सेवा परम सेवा है। कैंसर के मरीज को जिन्दा रहने के लिए उम्मीद और उमंग की आवश्यकता होती है। समय पर इलाज परिवार का सहयोग और मरीज में इच्छाशक्ति का निर्माण करने से मरीज को जल्दी लाभ होता है। आस्था संस्था से जुड़े लोग पूरे समर्पण भाव से इस पावन दायित्व को निभाएं। राज्यपाल ने उपस्थित लोगों के बीच अपने कैंसर पीडि़त होने के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी हिम्मत बढ़ाते हुए कहा था कि आप जल्द ही ठीक होकर जरूर वापस आएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बीमारी के समय उनके परिवार का सहयोग और शुभचिन्तकों की शुभकामनाओं ने उनकी इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाया।
6500 लोग संस्था से जुड़े
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय निदेशक अजय कुमार ने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि जीवन में एक अच्छा कार्य करने का अवसर मिला। सीएसआर के अन्तर्गत उनकी टीम स्कूल व अस्पतालों का दौरा करके कुछ मदद और सहयोग करने का प्रयास करती है। वृद्धाश्रम की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ वृद्ध मां-बाप जो अकेले हैं या उनके परिजन विदेशों में रहते हैं उनके लिए काम करना एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर शहर में ऐसी संस्थाओं को कार्य करना चाहिए। इस कार्यक्रम में आस्था के संस्थापक अभिषेक शुक्ला ने बताया कि 12 साल पहले संस्था का शुभारम्भ किया गया था। अस्पताल में गम्भीर कैंसर रोगियों और शैय्याग्रस्त रोगियों के लिए 60 बेड वाला यूनिट भी है। टोल फ्री नम्बर के माध्यम से संस्था से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि लगभग 6500 लोग संस्था से जुड़े हैं।
ये लोग मौजूद रहे
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव हेमन्त राव, रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के क्षेत्रीय निदेशक अजय कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के जनरल मैनेजर बीएस ढाका, आस्था ओल्ड ऐज सेन्टर एण्ड हास्पिस के प्रबन्ध निदेशक डॉ केके शुक्ला, आस्था के संस्थापक डॉ अभिषेक शुक्ला, संरक्षिका डॉ. शशि त्रिवेदी सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।