लखनऊ। दीपावली को लेकर किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल के मुताबिक ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सभी अस्पतालों के निदेशक व सीएमएस को इमरजेंसी सेवाएं बेहतर रखने को कहा गया है।
विशेषज्ञों की रहेगी ड्यूटी
इमरजेंसी दवा से लेकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई है। दिवाली की रात आंख, त्वचा, सर्जरी और हड्डी रोग विशेषज्ञों की ड्यूटी रहेगी। सिविल अस्पताल में प्लॉस्टिक सर्जन को ऑन कॉल के निर्देश हैं। केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी और ट्रॉमा सेंटर में रेजीडेंट डॉक्टरों की संख्या बढ़ा दी गई है। इमरजेंसी में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की मौजूदगी रहेगी। सिविल और बलरामपुर अस्पताल में आग में झुलसे मरीजों के भर्ती की पर्याप्त व्यवस्था है। वहीं अलग से बेड आरक्षित करने को भी कहा गया है।
24 बेड आरक्षित
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में डिजास्टर वार्ड के वार्ड को आरक्षित किया गया है। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि नेत्र रोग व प्लॉस्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। ट्रॉमा सेंटर में आग में झुलसे मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्लॉस्टिक सर्जरी, जनरल सर्जरी, नेत्र समेत दूसरे विभागों की टीम लगा दी गई है। दवा आदि का भी प्रबंध कर दिया गया है।
डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई
लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक घायल व चोटिल को प्राथमिक इलाज मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। सांस और नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है। इमरजेंसी में पांच बेड आरक्षित किए गए हैं। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि इमरजेंसी में चार बेड आरक्षित किए गए हैं। नेत्र, जनरल सर्जरी, चेस्ट समेत दूसरे विभाग के डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया गया है। प्लॉस्टिक सर्जरी विभाग में जिन मरीजों की छुट्टी की जा सकती थी कर दिए गए। ऑन कॉल ड्यूटी लगाई गई है।
रोशनी के पर्व में पटाखे दगाने से बचें
सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि इमरजेंसी में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बेड खाली हो गए हैं। दवाओं का इंतजाम कर दिया गया है। ऑन कॉल डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। केजीएमयू पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने रोशनी के पर्व में पटाखे दगाने से बचें। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। इससे सांस के मरीजों की सेहत गड़बड़ा सकती है। पटाखे दगाने की वजह से वातावरण में जबरदस्त प्रदूषण हो जाता है। जो सांस के जरिए नलियों और फेफड़े में जमा हो जाता है। इससे बीमारी उभर आती है।
एम्बुलेंस के लिए 108 डॉयल करें
यदि कहीं भी कोई अनहोनी हो जाए तो घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस के लिए भटके नहीं। एम्बुलेंस के लिए फोन से 108 नंबर डायल करें। 15 से 20 मिनट में एम्बुलेंस आ जाएगी। जो घायल को सरकारी अस्पताल में पहुंचा देंगी। जीवीके प्रवक्ता अजय यादव ने बताया कि एम्बुलेंस में प्राथमिक इलाज के संसाधन व जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं।