लखनऊ। देवा थाना क्षेत्र के ग्राम पवैय्या वीरान में तेरहवीं में शामिल होने के बाद 50 बच्चे एक के बाद एक करके बीमार हो गए। बताया गया है कि बच्चों को अचानक उल्टी-दस्त की शिकायत हो गई। ऐसा होते ही गांव में हड़कंप मच गया।
हालत खतरे से बाहर
सूचना पर पहुंची डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया। बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उल्टी-दस्त से पीडि़त बच्चों में 48 बच्चों को दवाएं दी। जबकि दो का इलाज रानीगंज के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। फूड प्वाइजनिंग की इस घटना के बाद गांव में डॉक्टर पूरे दिन रहे। बता दें कि यहां बड़े भी शामिल हुए थे लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ है।
यहां की है घटना
गुरुवार को स्व. मुनेश्वर रावत के घर पर तेरहवीं थी। इस मौके पर आयोजित होने वाले भोज में बने खाने में खाने में पूरीए सब्जीए छोलाए चावलए दही रायता और रसगुल्ला बना था। यहां बच्चों ने यह खाना खाया और कुछ ही देर बाद उन्हें उल्टी-दस्त शुरू हो गया। सूचना पाकर देवा सीएचसी के अधीक्षक महमूद अहमद, हेल्थ सुपरवाइजर रामसिंह, डॉ. श्याम नारायण, स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी महेन्द्र प्रताप यादव, एएनएम बीमा वर्मा आदि की टीम पवैय्या वीरान गांव गई।
ये बच्चे पीडि़त
5 साल के यश, नैना 10, पंखुरी 3, अंशुमान 1, विनय 3, विनीत 2, रिया 5, नितेश 6, रितेश 3, तनुज 7, प्रियांशी 3, हिमांशु 5, सोनाक्षी 5, सुधीर 9, गौरी 4, आशीष 8, अतुल 8 समेत करीब 50 बच्चों का उल्टी-दस्त का शिकार हुए।