डेस्क। गांव में आज भी दांत साफ रखने के लिए नीम या बबूल की छाल का इस्तेमाल करते हैं। दातुन से सिर्फ दांत स्वस्थ रहता था बल्कि ये दांतों के बीच कीटाणु या बैक्टीरिया पनपने नहीं देते। बाजार में मौजूद हर्बल, केमिकल टूथपेस्ट और पाउडर मौजूद हैं जो दांतों को सुरक्षित और सुंदर बनाने के दावा करते हैं। ऐसे में लोग अब औषधीय गुणों से भरपूर नीम के दातुन या अन्य दातुन को नजरअंदाज करने लगे हैं। व्रत, त्यौहार वाले दिन बहुत से लोग ब्रश की बजाय दातुन से दांत साफ करते हैं।
नीम का दातुन केवल दांतों को ही स्वस्थ नहीं रखता, बल्कि इसे करने से पाचन क्रिया ठीक होती है और चेहरे पर भी निखार आता है। यही वजह है कि आज भी बहुत से पुराने लोग नियमित नीम की दातुन का ही इस्तेमाल करते हैं। बेर का दातुन आयुर्वेद के अनुसार बेर के दातुन से नियमित दांत साफ करने पर आवाज साफ और मधुर होती है। मसूड़ों और दांतों की मजबूती के लिए बबूल के दातुन से दांत साफ करना चाहिये। ये दांतों और मसूड़ों दोनों को अच्छा रखता है।