लखनऊ। केजीएमयू के डॉक्टरों ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में डॉक्टरों ने एक 6 साल के बच्चे की आहार नाल तैयार कर ली। डॉक्टरों की मानें तो यह देश पहला ऐसा मामला है जिसमें टिशू इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है और सबकुछ खा-पी रहा है।
पांच साल इलाज
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के पद्य्मश्री डॉक्टर एसएन कुरील के मुताबिक बच्चे का जन्म फरवरी 2012 में हुआ था। जन्म से समय से ही बच्चे के मुंह में झाग आ रहा था और लार भी गले तक आने लगी थी। बच्चे का पहला ऑपरेशन साल 2012 में किया गया। इस ऑपरेशन में अविकसित आहार नाल को टिशू इंजीनियरिंग तकनीक से एक सेंटीमीटर तक बढ़ाया गया।
बन रहे लार को बाहर निकालने के लिए छाती के पास अविकसित आहार नाल का एक हिस्सा पाइप से बाहर निकाला। बच्चे को दूध पिलाने के लिए एक ऑपरेशन कर पेट में राइस ट्यूब डाली गई। इसी प्रकार दूसरा ऑपरेशन 2013 और तीसरा 2015 में तीसरा और 2017 में चौथा ऑपरेशन हुआ। इसमें खाने की नली को और बढ़ाया गया। आखिरी ऑपरेशन 6 सितंबर को हुआ अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
ये है टीम
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसएन कुरील, डॉ. अर्चिका गुप्ता, डॉ. विपुल पोथरा, डॉ. सुनील कनौजिया, डॉ. अखिलेश, एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. अनीता मलिक, डॉ. जीपी सिंह, डॉ. सरिता सिंह, नर्सिंग स्टाफ वंदना व टेक्नीश्यिन संजय शामिल थे।