लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में इन दिनों ए बी निगेटिब ब्लड की किल्लत है। इस ब्लड ग्रुप की कमी की वजह से मरीजों को दिक्कत हो रही है। केजीएमयू के अलावा लोहिया और बलरामपुर अस्पताल में भी ए बी निगेटिव ब्लड नहीं है। इस कमी को देखते हुए डाक्टरों के बाद अब कर्मचारियों ने भी रक्तदान करने का निर्णय लिया है।
निर्धारित दरों से अधिक ले रहे शुल्क
निजी ब्लड बैंकों में तो जिनके पास इस ग्रुप का ब्लड है। वह लोग रक्तदाता से ब्लड लेने के बाद भी ब्लड यूनिट का शुल्क निर्धारित दरों से अधिक ले रहे है। इसके अलावा उसकी रशीद भी नहीं दे रहे हैं। केजीएमयू के ब्लड बैंक में एबी निगेटिव के कमी को पूरा करने के लिए इस गु्रप के रेजीडेंट से लेकर डाक्टर्स तक रक्तदान कर चुके है। फि र भी इसकी कमी बन रही है। स्वयसेवी संस्था भी रक्तदान कर तो रही है लेकिन इस ग्रुप का ब्लड कम ही आ रहा है।
एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप का एक यूनिट ही बचा
केजीएमयू का ब्लड बैंक पहले भर्ती को प्राथमिकता के आधार पर ब्लड देता है। इसके बाद निजी क्षेत्र से आयी मांग को पूरा करता है। केजीएमयू की ब्लड बैंक प्रभारी डा. तूलिका चन्द्रा ने बताया कि एबी निगेटिव ब्लड ग्रुप का एक यूनिट ही बचा था। जिसकी मांग कई मरीजों को थी और दिया जाना सिर्फ मरीजों को ही तय था। इस ग्रुप के अलावा ए पाजिटिव ब्लड ग्रुप की भी कमी हो गयी है। अगर केजीएमयू के ब्लड बैंक में जिस ब्लड ग्रुप की कमी बनती है। उसकी कमी शहर के सभी ब्लड बैंक में बनना शुरु हो जाती है और इसका फ ायदा निजी ब्लड बैंक के लोग उठाते है।