लखनऊ। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अब घर-घर भ्रमण के दौरान तथा केन्द्रों पर आयोजित होने वाले नियत दिवसों जैसे – बचपन दिवस, ममता दिवस, अन्नप्राशन व सुपोषण स्वास्थ्य मेला के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ ही जेई/एईएस के बचाव के संबंध में भी जागरूक करेंगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों/ प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को पत्र लिखकर इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने को निर्देशित किया था।
ये है मकसद
इसका मकसद दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं जल्द से जल्द समुचित उपचार प्रदान करना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए 1,04,623 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। जापानी इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.)/ एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से प्रभावित बच्चों के प्रबंधन तथा देखभाल में टीकाकरण, मच्छर से बचाव, शुद्ध पेयजल, एकत्रित जल के संक्रमण, वातावरण तथा स्वच्छता पर विशेष रूप से कार्य किया जाना है।
ऐसे करना है जागरूक
बचपन दिवस (माह की 5 तारीख) के दौरान लोगों को मच्छर से बचाव, खुले में शौच न करना व एकत्रित जल के संक्रमण के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। हाथ धुलने की प्रक्रिया के प्रदर्शन के साथ ही व्यक्तिगत व सामुदायिक स्वच्छता पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चर्चा करेंगी। ममता दिवस जो कि हर माह की 15 तारीख को आयोजित किया जाता है, इस गतिविधि में लोगों को कुपोषित/अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल, स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल के बारे में बताया जाएगा। ऊपरी आहार का प्रदर्शन करना तथा लोगों को बीमारी के संचरण काल में मच्छरदानी का उपयोग व पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने को व्यवहार में शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।
ऐसा करना है
अन्नप्राशन (माह की 20 तारीख) के आयोजन के दौरान दस्त के समय जीवन रक्षक घोल के साथ 14 दिन तक जिंक की गोली के सेवन के बारे में तथा पौष्टिक भोजन के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही साथ यह भी बताया जाएगा कि भोजन को ढककर रखना चाहिए तथा जब भी फल व सब्जियों का सेवन करें उन्हें अच्छे से धो लें।
सफाई और स्वच्छ पेयजल की दी जाएगी जानकारी
माह के प्रथम बुधवार को सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाता है, इस मेले में पंचायती राज विभाग व ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मेले में आने वाले लोगों को साफ-सफाई स्वच्छता व स्वच्छ पेयजल के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिकुपोषित बच्चों की देखभाल व उनका प्रबंधन की जानकारी भी दी जाएगी। बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा कुपोषण का क्या प्रभाव होता है तथा इसका इलाज किस प्रकार किया जाना चाहिए, इस बारे में भी लोगों को अवगत कराया जाएगा।