लखनऊ। ट्रामा में डॉक्टरों की लापरवाही का एक मामला और सामने आया है। इस बार लापरवाही की भेंट चढ़ी है रायबरेली की रोशनी। मरीज को पेट में दर्द की शिकायत थी। ट्रामा सेंटर में इंजेक्शन लगाने के बाद किशोरी रोशनी की हालत बिगड़ गई। हालत बिगडऩे के बाद डॉक्टर कुछ समक्ष पाते तब तक मरीज की मौत हो चुकी थी।
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। फिर डॉक्टर व कर्मचारियों को समझाकर मामला शांत कराया। वहीं केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि इलाज में कोताही के आरोप बेबुनियाद हैं। मरीज को बचाने की पूरी कोशिश की गई थी। इंजेक्शन सही लगाया गया था। मरीज की हालत गंभीर थी। उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई थी।
तीन जुलाई को लाई गई थी मरीज
रायबरेली स्थित गुरुबख्श सिंह ब्लॉक निवासी रोशनी (16) को पेट दर्द की दिक्कत थी। उसके परिजनों ने रायबरेली स्थित कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालत को बिगड़ता देख वहां डॉक्टरों ने रोशनी को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। परिजन तीन जुलाई को मरीज को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। यहां परिजनों ने आरोप लगाया है कि पहले तो डॉक्टरों ने भर्ती करने से इनकार किया था। कई बार कहने के बाद भर्ती किया। फिर जांच के लिए तीन दिन तक अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी जांचें करवाते रहे।
परिजनों ने किया हंगामा
कैजुअल्टी के डॉक्टरों ने मरीज को ट्रॉमा सर्जरी विभाग में शिफ्ट किया था। भाई रिंकू का आरोप है कि बुधवार दोपहर रोशनी को एक इंजेक्शन लगाया गया। करीब आधे घंटे बाद रोशनी की सांसें थम गई। मरीज की मौत से नाराज परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि रोशनी की बीमारी के बारे में डॉक्टरों ले कुछ नहीं बताया। जबकि कई बार डॉक्टरों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया।