लखनऊ। प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीज के जीवन से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से फील्ड में जाएं। इस बात का ध्यान रखा जाए कि जिले के अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में तैनात चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, पैरामैडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मी समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान कही। यह समीक्षा बैठक लोकभवन में आयोजित हुई थी। समीक्षा बैठक में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय व प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी भी मौजूद थे।
टेलीमेडिसन की सुविधा होनी चाहिए
मुख्यमंत्री योगी ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के ज्वाइंट डायरैक्टर को भी निर्देश दिया है कि अलग-अलग दिनों में प्रदेश के सभी जनपदों का दौरा कर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों से आए मुख्य चिकित्साधिकारियों और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिला चिकित्सालयों, सीएचसी व पीएचसी में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामैडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों की उपलब्धता अनिवार्य होनी चाहिए। जिन चिकित्सालयों में टेलीमेडिसन की जरूरत है, वहां इसकी सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने अस्पताल के प्रत्येक बेड पर इलाज करवा रहे मरीज से बातचीत करें और नियमित रूप से अस्पताल का राउंड लें।
योजनाओं की हो पाक्षिक समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मरीजों के प्रति डॉक्टरों और अन्य स्टाफ का व्यवहार अच्छा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 108 के रिस्पांस टाइम को और कम करना होगा, इसकी जवाबदेही तय करना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चल रही स्वास्थ्य सबंधी योजनाओं को लेकर पाक्षिक समीक्षा होनी चाहिए। साथ ही आयुष्मान मित्रों के कार्यों की भी समीक्षा होनी चाहिए। मरीजों के बेहतर उपचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हर अस्पताल में चिकित्सक को नोडल अफसर बनाना चाहिए। नोडल अफसर अस्पताल से जुड़ी छोटी-बड़ी कमियों की मॉनीटरिंग करें, जिससे मरीजों को कोई परेशानी न हो।
250 लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत दो वर्ष के दौरान 250 लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई। इसकी भूमिका लोगों की जान बचाने में रही है। मोबाइल मेडिकल वैन रिमोट एरिया में काम कर रहे हैं, जिसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 6.50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए की निशुल्क स्वास्थय सेवाएं दी जा रही है। हम लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवा सकते हैं। जिन्हें हम इस योजना में कवर कर रहे हैं, उन तक कार्ड पहुंचे उसके लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।
वेलनेस सेंटरों में करवाएं योग
उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद में भ्रमण करें, दफ्तर में न बैठे। सीएमओ प्रतिदिन किसी सीएचसी, पीएचसी, वेलनेस सेंटर का निरीक्षण करें। वेलनेस सेंटरों में योग करवाने चाहिए। आईएमए के साथ आप लोग संवाद बनाएं, इसका अच्छा परिणाम आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएं। मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ वरिष्ठ अधिकारी भी इस अभियान से जुड़ेंगे। जुलाई में एक अभियान चलने जा रहा है, इसमें स्कूल-कालेज, संगठन समेत हर तरह के लोगों की सहभागिता होगी। उन्होंने क्षय रोग के नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ मासिक बैठक करने के निर्देश दिए हैं।