लखनऊ। सबल रिहैब फाउंडेशन और समेकित क्षेत्रीय केंद्र दिव्यांगजन गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ‘दिव्यांगता पुनर्वास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिकाÓ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता समेकित क्षेत्रीय केंद्र दिव्यांगजन गोरखपुर के निदेशक रमेश पांडे ने की। इसके समन्वयक सबल रिहैब फाउंडेशन के निदेशक नीरज मधुकर थे।
गैर सरकारी संगठनों की भूमिका सराहनीय
उद्घाटन के दौरान रमेश कुमार पांडे ने कहा कि पुनर्वास के क्षेत्र में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका सराहनीय है। द्वितीय युद्ध में भीषण त्रासदी के बाद काफी बड़े स्तर पर लोग दिव्यांग हुए थे जिनके पास के लिए कई ईसाई मिशनरियों ने राहत और पुनर्वास का काम किया। वर्तमान में भी क्षेत्र में संगठन कार्य करें तो सरकार इतनी बड़ी आबादी तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना मुश्किल है।
रोजगार प्रदान करने के लिए कार्य कर रही
नीरज मधुकर ने कहा कि सबल रिहैब फाउंडेशन प्रदेश के बागपत जिले में पंजीकृत है और दिव्यांगजनों के व्यावसायिक प्रशिक्षण कौशल संवर्धन और रोजगार प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान विभिन्न प्रकार के सरकारी योजनाओं जैसे एडिट योजना, स्वावलंबन योजना, दीन दयाल पुनर्वास योजना को जन-जन तक पहुंचाने में लगातार प्रयास कर रही है। कार्यक्रम के दौरान डेफ वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, इस्माइल रोटी बैंक के अध्यक्ष आजाद पांडे और नवनीत जायसवाल उपस्थित थे।