लखनऊ। रीवर बैंक कॉलोनी स्थित आईएमएम भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पत्रवार्ता का शनिवार को आयोजन किया। पत्रवार्ता में आईएमए ने सीएमओ कार्यालय में नर्सिंग होम के पंजीयन के नाम पर चिकित्सकों का उत्पीडऩ का आरोप लगाया।
प्राइवेट क्षेत्र में काम कर रहे डिग्रीधारक डॉक्टरों के हर साल सिर्फ पंजीकरण को अनिवार्य करने आड़ में मनमर्जी लाइसेंस शुल्क वसूल रहे हैं। इससे निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा महंगी होती जा रही है। 70 प्रतिशत जनता का इलाज करने वाले निजी चिकित्सकों में से करीब 80 फीसदी क्लीनिक, अस्पतालों पर इस माह के अंत में ताला पड़ जायेगा।
सभी के लिए एक ही मानक तय
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डा. एएम खान ने कहा कि पंजीयन के लिए नर्सिंग होम व अस्पताल संचालक हाईकोर्ट के नियमानुसार प्रपत्र लगा रहे हैं, लेकिन सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी किसी न किसी तरह की आपत्ति लगाकर चिकित्सकों को परेशान कर रहे हैं। डॉक्टर चाहे छोटा क्लीनिक, छोटा अस्पताल चला रहा हो या फिर बड़ा नर्सिंग होम, सभी के लिए एक ही मानक तय कर दिये गये हैं। लाइसेंस फीस मनमाने तरीके से तय की गयी है। उन्होंने प्रदेश में क्लीनिकल स्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की तैयारी है। इसमें तमाम खामियां हैं। इसे हरियाणा माडल पर बनाया जाए और 50 बेड के अस्पतालों को इसके दायरे से बाहर रखा जाए।
मनमर्जी शुल्क लगाए जा रहा
सभी जिलों में आगामी 30 मई तक अगर सीएमओ द्वारा पंजीकरण नहीं किया गया तो 70 प्रतिशत जनता का इलाज करने वाले निजी क्षेत्र के डॉक्टर अपना प्रतिष्ठान बंद करने पर मजबूर हो जायेंगे। आईएमएस अध्यक्ष डा. जीपी सिंह और सचिव डॉ. जेडी रावत ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रीय निकायों की ओर से मनमर्जी शुल्क लगाए जा रहा है। इसी तरह अस्पताल के कचरे के निस्तारण में नगर निगम कोई भूमिका नहीं निभा रहा है। इसके बाद भी वह बायोमेडिकल कचरा निस्तारण शुल्क वसूल रहा है।
सरकार से निस्तारण की मांग
उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश सरकार से कई बार की वार्ता की जा चुकी है। एक बार फिर आईएमए सरकार को ज्ञापन भेजेगा और समस्याओं के निस्तारण की मांग करेगा। इसके बाद भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई तो आंदोलन करने के लिए विवश होंगे। प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न नियमों को सरलीकरण करने के बजाय उसे कठिन बनाया जा रहा है, जिससे अस्पतालों के संचालन में भार बढ़ रहा है। इस दौरान डा. रुखसाना खान, डा. आरबी सिंह, डा. संजय सक्सेना, डा. राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।