लखनऊ। उच्च रक्तचाप को धीरे-धीरे मारने वाला साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी चेतावनी के संकेत या लक्षणों के बिना हो सकता है, इसलिए ब्लड प्रेशर के लिए 30 वर्ष या इससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को वर्ष में कम से कम एक बार प्रारंभिक जांच स्क्रीनिंग करानी जरूरी है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने विश्व रक्तचाप दिवस पर कही।
लगाए गए शिविर में हुई लोगों की जांच
सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि 17 मई को जिले के सभी जनपद स्तरीय चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व रक्तचाप दिवस मनाया गया। इस दौरान सभी रोगियों की रक्तचाप, मधुमेह तथा बीएमआई की निशुल्क जांच के लिए शिविर लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि जब रक्त धमनी की दीवार/रक्त वाहिकाओं में रक्त सामान्य से अधिक दबाव से संचारित होता है तो उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं। रक्तचाप रक्त को शरीर के सभी अंगों में ले जाने का कार्य करता है। उच्च रक्तचाप में हृदय को शरीर के सभी अंगों तक रक्त पहुंचाने के लिए सामान्य से अधिक तेजी से पंप करना पड़ता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है।
इस पर ध्यान दें
उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप के जोखिम के कारकों में बढ़ती आयु ,पारिवारिक इतिहास, अत्यधिक वजन होना या मोटापा, अस्वस्थ आहार की आदतें (ऐसा आहार जिसमें नमक ,वसा और चीनी की अधिकता हो) और जिसमें सब्जियां, फल, साबुत अनाज और साबुत दालें कम हो। शारीरिक गतिविधि की कमी अथवा बैठे रहने की जीवन शैली, किसी भी रूप में तंबाकू का प्रयोग, धूम्रपान करना तथा तंबाकू और धूम्रपान ,दूसरे व्यक्ति द्वारा धूम्रपान का प्रभाव शराब का अधिक मात्रा में सेवन, दबाव, तनाव, चिंता, नींद के दौरान सांस रुकना कुछ पुरानी बीमारियां परेशानियां जैसे गुर्दे और हार्मोन संबंधी समस्याएं तथा हानिकारक (रक्त वसा) कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा होने से हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप की देखभाल में और औषधि के बिना जीवन शैली में बदलाव और दवाओं से उपचार तथा उच्च रक्तचाप की रोकथाम और देखभाल में दोनों की जरूरत रहती है।