
नियमित मानदेय नहीं दिया जा रहा
आल इंडिया आशा बहू कार्यकत्री कल्याण सेवा समिति के आह्वान पर धरना प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए ब्लाक अध्यक्ष राजदेई मौर्या ने कहाकि प्रदेश में मातृ एवं शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने एवं गर्भवती महिलाओं की देखरेख व सुरक्षित अस्पतालों तक पहुंचकर जच्चे-बच्चे की जान बचाने व घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के उत्थान हेतु जनसंख्या नीति का क्रियान्वयन आशा एवं आशा संगिनी का प्रासंगिक कार्य है। जो हम लोग पूरे मनोयोग के साथ कर रहे हैं किंतु हम आशा बहुओं को किसी प्रकार का कोई नियमित मानदेय नहीं दिया जा रहा है।
ये हैं मांगें
स्वास्थ्य विभाग हमें कर्मचारी भी नहीं मानता है। उन्होंने कहा कि आशाओं को किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक समाजिक लाभ नहीं मिलता है। हमारा परिश्रम कार्य निष्पादन पर निर्भर रहता है। पूरे प्रदेश में आशा बहुओं व आशा संगिनी को नियमित मानदेय व प्रोत्साहन राशि 4 गुना व प्रदेशकर्मी का दर्जा दिया जाए हमारी प्रमुख मांगे हैं। इस अवसर पर राधिका, उर्मिला, आशा, गुड्डी, सीमा, ज्ञानमती, सुनीता, श्यामदुलारी, किरन, अंजू सिंह, सरोज, अर्चना सहित तमाम आशा कार्यकत्री उपस्थित थी।
गगहा प्रतिनिधि के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गगहा से संबद्ध आशा कार्यकत्रियों ने मंगलवार को आल इंडिया आशा बहू की राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदा यादव के आह्वान पर अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर ब्लाक अध्यक्ष शकुंतला, साधना शाही, मंजू, मंजू रावत, सुनीता सिंह, अमलावती यादव सहित अन्य आशाएं मौजूद रहीं।
आशा कार्यकत्रियों की मांगें
1 समस्त आशा बहू को आशा संगिनी वर्कर को प्रोत्साहन न देकर प्रतिमाह नियमित मानदेय वेतन और राज कर्मियों का दर्जा भी दिया जाए।
2.आशा वर्कर आशा संगिनी को आकस्मिक निधन दुर्घटना पर उनके परिवार को 10 लाख का बीमा और मुआवजा राशि भी दिया जाए।
3 जनपद व ब्लाक पर निवेश रक्षा हेतु रात में एक कमरा आवंटन किया जाए।
4 प्रोत्साहन राशि का वाउचर आशा और आशा संगिनी को प्रतिमाह भुगतान का वाउचर दिया जाए।
5. आशा और आशा संगिनी को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जाए और सम्मानजनक वरीयता भी दिए जाए। सभी आशा वर्कर आशा संगिनी को निर्धारित मातृत्व अवकाश दिए जाए।