लखनऊ। केजीएमयू में रैगिंग का मामला प्रकाश में आया है। यहां शिकायत के बाद रैगिंग के आरोप में साल 2017 बैच के 6 स्टूडेंट्स को हॉस्टल से बाहर कर दिया गया है। यही नहीं इनके कैम्पस में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
बता दें कि यह कार्रवाई केजीएमयू प्रशासन ने यूजीसी की एंटी रैगिंग सेल में शिकायत मिलने के बाद की है। बताया गया है कि 11 अक्टूबर को हुई इस घटना के बाद पीडि़त छात्रों ने यूजीसी से भी शिकायत की थी।
फोन करके रैगिंग
बताया जा रहा है कि केजीएमयू प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने पर एमबीबीएस और बीडीएस फस्र्ट इयर के स्टूडेंट्स ने यूजीसी में शिकायत की थी। केजीएमयू मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष कुमार के मुताबिक, यूजीसी की एंटी रैगिंग सेल ने 11 अक्टूबर को ई-मेल भेजकर रैगिंग की शिकायत का जिक्र किया। इसके बाद जांच की गई तो पता चला कि फस्र्ट इयर के स्टूडेंट्स को कई सीनियर फोन कर रैगिंग लेते हैं।
जांच के लिए समिति बना दी गई है और 2017 बैच के हरदीप सिंह राणा, अंचल जैन, गुलाम हसन, उत्कर्ष गंगवार, राम प्रवेश गुप्ता व अनिमेश तरैया को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया।
जुर्माना के बाद भी नहीं रुकी रैगिंग
कुलपति के निर्देश पर प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। जूनियर छात्रों के मंगलवार को प्रॉक्टर कार्यालय में बयान भी दर्ज करवाए गए। 26 सितंबर को केजीएमयू में रैगिंग की एक घटना भी कैमरे में कैद हुई थी। इसके बाद सेकंड इयर के सभी 18 स्टूडेंट्स पर एक-एक हजार रुपये जुर्माना लगाए पर रैगिंग नहीं रुकी।