लखनऊ। बलरामपुर जिला चिकित्सालय वरिष्ठ मनोचिकित्सक विभागा अध्यक्ष डॉ. प्रवीन श्रीवास्तव ने बुधवार को शाहमीना शाह मजार पर दुआ से दवा तक मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। शिविर में डीएएचपी अंतर्गत डॉ. अभय सिंह ने 87 रोगियों को परामर्श एवं उपचार किया। इसमें सबसे ज्यादा 21 अवसाद के मरीज पाये गए।
यह बताया गया लक्षण
सामाजिक कार्यकर्ता रवि द्विवेदी ने मानसिक स्वास्थ्य जन जागरुकता अभियान में लोगों को बीमारियों के लक्षण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अवसाद लगातार मन का उदास रहना शादी व पार्टियों में जाना लेकिन मन में खुशी उल्लास का अनुभव न कर पाना, कुछ अच्छा न लगना, शरीर थका थका लगना, मन मे उदासी निरंतर बनी रहना, आत्महत्या का विचार मन मे बार-बार आना। चिंता में रोगी को बिना वजह की घबराहट होना, दिल की धड़कन सुनाई देना, तेज सास का चलना, बार-बार एक ही ख्याल आना, जैसे कि हाथ बार-बार धोना, बंद ताले को 2 से अधिक बार चेक करना, माईग्रेन (हेडेक) में रोगी को सिर में एक तरफ या दोनों तरफ टपकन महसूस करना, तेज रोशनी और तेज आवाज बर्दास्त न कर पाना, दर्द के साथ चक्कर आना, मिर्गी, दौरे के साथ जिबह का कट जाना, मल मूत्र का निकल जाना, चोट लगना साइकोसिस के अंतर्गत शक शंका करना, कानों में आवाज आना मन में यह विचार आना कि लोग मेरे पीछे पड़े हंै कोई कुछ करा देगा भयभीत रहना, अकेले में बुदबुदाना शिविर में मनोरोग नर्स संतोष कुमार पाल, कम्युनिटी नर्स संजय कुमार, बतं आदेश पांडेय, श्रवण कुमार उपस्थित थे।