लखनऊ। ऑनलाइन शिकायत प्राप्त होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर शनिवार को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके चौधरी तथा डॉक्टर एमके सिंह ने मंजूश्री अस्पताल पर छापा मारा। उन्होंने बताया कि मानकों के अनुरूप नहीं मिलने पर अस्पताल को बंद किये जाने का नोटिस जारी किया गया है। यह अस्पताल ग्राम औरंगाबाद, शहीद पथ के निकट स्थित है। बेसमेंट में वार्ड और ऑपरेशन थिएटर बनाया था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में पंजीकृत नहीं
बेहतर चिकित्सा का दावा करने वाले अस्पताल में आग से बचाव और कूड़ा प्रबंधन की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। नर्सिंग होम डॉक्टर हरेंद्र सिंह द्वारा संचालित किया जा रहा है जो कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में पंजीकृत नहीं है। पंजीकरण हेतु उनके द्वारा पंजीकृत डाक से 18 जून 2018 को ही एम ओ ऑफिस लखनऊ प्रेषित किया गया है।
हॉस्पिटल में गंदगी
हॉस्पिटल में कोई भी मरीज निरीक्षण के समय एडमिट नहीं था। हॉस्पिटल में अत्यंत गंदगी पाई गई। हॉस्पिटल के ओ पी डी कक्ष, वार्ड एवं ओ पी मानक अनुसार निर्मित नहीं किए गए हैं और न ही किसी कक्ष में वेंटिलेशन की सुविधा है। बायो मेडिकल वेस्ट, अग्नि सुरक्षा इत्यादि से संबंधित कोई भी प्रपत्र अवलोकित नहीं कराए गए। निरीक्षण के समय हॉस्पिटल में डॉक्टर एनके श्रीवास्तव (इलेक्ट्रो होम्योपैथी) उपस्थित मिले जो कि लगभग 3 माह से कार्य कर रहे हैं। संदीप कुमार दुबे डी फार्मा उपस्थित मिले जिन्होंने अपनी डिग्री लुधियाना से प्राप्त की है। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में पंजीकरण के लिए अप्लाई किया गया है। हॉस्पिटल अवैध रूप से संचालित है, जिसको तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।इस अस्पताल में केजीएमयू के डॉक्टरों के नाम भी दीवार पर दर्ज दिखाई दिये। शहर के कई और नामी डॉक्टरों के नाम यहां पर लगे बोर्ड पर दर्ज हैं। इन्हीं डॉक्टरों के नाम पर संचालक अपना अस्पताल चला रहा था।