लखनऊ। बिना किसी निर्धारित सूचना के जल्दबाजी में बैक डेटिंग कर अगर फार्मेसिस्ट संवर्ग का सामूहिक स्थानांतरण का प्रयास हुआ तो संघ गंभीर आंदोलन करेगा, जिसमे हड़ताल भी शामिल हो सकता है।
प्रताड़ित करने और धनवसूली की योजना बनाई
डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसो उत्तर प्रदेश के महामंत्री के के सचान ने महानिदेशालय को चेतावनी दी है कि पैरा मेडिकल कर्मियों के लिए बनाई गई नीति तानाशाही का जीता जागता सबूत है, इसके विरुद्ध आंदोलन की रणनीति बन गयी है । यह नीति कार्मिक की नीति से अलग हटकर समूह ग और घ के कर्मचारियों को जानबूझकर प्रताड़ित करने और धनवसुली की योजना बनाई गई है । संघ के संज्ञान में आया है कि अंतिम तिथि 30 जून बीतने के बाद अब भी महानिदेशालय में लिस्ट बनाई जा रही जो गलत है ।
महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने यह कहा
संघ के प्रवक्ता एवं राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि अब जबकि बच्चों के स्कूल खुल गए है, सभी कार्मिको ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरु कर दिया है, ऐसे समय में स्थानांतरण किया जाना मानवीय मूल्यों के विरुद्ध है , महानिदेशालय में चोरी छिपे लिस्ट बनाने की जानकारी मिलने पर सोमवार को बलरामपुर चिकित्सालय स्थित संघ भवन में एक आपात बैठक सम्पन्न हुई, जिसमे संयुक्त मंत्री कपिल चौधरी, कोषाध्यक्ष ओ पी सिंह, सचिव मुख्यालय सुभाष श्रीवास्तव, लखनऊ के अध्यक्ष जे पी नायक, अजय पांडेय, वी पी सिंह के साथ अन्य पैरा मेडिकल संवर्ग के पदाधिकारी भी उपस्थित हुए ।
ये भी शामिल होंगे आंदोलन में
निर्णय लिया गया कि यदि बैक डेट में स्थानांतरण सूची जारी हुई तो फार्मेसिस्ट संवर्ग के साथ साथ, लैब टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट, एक्सरे टेक्नीशियन, डेंटल हाईजेनिस्ट, एन एम ए भी बिना नोटिस आंदोलन पर चले जायेंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने भी कहा कि अगर अब स्थानांतरण हुए तो परिषद भी आंदोलन में भागीदारी करेगी। http://www.kanvkanv.com