लखनऊ। रोटोमैक कंपनी के चेयरमैन विक्रम कोठारी के इलाज को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हजारों करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में जेल में बंद कोठारी इन दिनों इलाज के लिए लखनऊ स्थित केजीएमयू के शताब्दी फेस-2 न्यूरो सर्जरी में भर्ती थे | यहां पिछले तीन महीनों से उनका इलाज चल रहा था लेकिन स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा था |
जेल की आथोरिटी के हैन्डओवर कर किया रवाना
केजीएमयू ने इस मामले में जेल प्रशासन को सूचित भी किया था जिसमें बताया जा रहा कि कोठारी कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और उनके बेहतर इलाज के लिए उन्हें किसी और संस्थान में भी दिखाया जा सकता है। जिसमें 22 मार्च से केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती थे। यहां आठ डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुटी हुई थी ।केजीएमयू चिकित्सा अधिक्षक डॉ. बीके ओझा ने बताया कि कोठारी के डाइबिटीज स्तर में सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं, जिससे उनकी सर्जरी संभव नहीं हो पा रही है। जिसके कारण उनकी गर्दन की दो नशे सूजी हैं इससे उनको लेटने में भी दिक्कत है घूटनो में अधिक दर्द होने और उन्हें प्रोस्टेट समस्या के कारण उन्हें पेशाब करने में भी दिक्कत होती जा रही हैं जिस कारण अनकंट्रोल डायबिटीज न्यरोलॉजी स्पेसलिस्ट से राय लेकर उन्हें सोमवार को एसपीजीआई हॉस्पीटल के लिए जेल की आथोरिटी के हैन्डओवर कर रवाना कर दिया गया है |
तफ्तीश के लिए कोठारी बेहद अहम कड़ी
कानपुर के प्रमुख कारोबारियों में शुमार कोठारी कुछ महीनों पहले तब सुर्खियों में आए थे जब उनका नाम हजारों करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में सामने आया था। ऐसे में इस मामले की तफ्तीश के लिए कोठारी बेहद अहम कड़ी हैं। उनके माध्यम से बैंक से धोखाधड़ी की कई फाईल खुल सकती हैं। उनकी कंपनी रोटोमैक बॉल पेन बनाने के कारोबार से जुड़ी है और उन पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से उनकी कंपनी रोटोमैक बॉल पेन बनाने के कारोबार से जुड़ी है और उन पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से फर्जी तरीके से कर्ज लेकर उन्हें नुकसान पहुंचाया।