लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में अब सीटी स्कैन की तस्वीरों को खास तरह का सॉफ्टवेयर थ्री डी पिक्चर में बदल देगा। इसे देखकर सर्जन बीमारी को आसानी से अता देगा। अब पेट, दिल और रीढ़ से संबंधित बीमारी के मरीजों को ज्यादा खर्चा नहीं करना होगा।
नहीं करानी होगी एमआरआई
बताया जा रहा है कि ऐसे रोगों की पहचान के लिए एमआरआई भी नहीं करानी होगी। अस्पताल में भर्ती दो मरीजों की जांच इस नई तकनीक से की गई और इसके सफल परिणाम देखने को मिले। विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अभी तक यह तकनीक नहीं है।
इस तरह की तकनीक कहीं और नहीं
शुक्रवार को इस तकनीक का प्रयोग बलरामपुर अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में किया गया। इसे वर्चुअल इमेजिंग एण्ड आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस कहा जाता है। अमेरिका की कम्पनी के विशेषज्ञ इसकी प्रस्तुति देने बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन, सीएमएस डॉ. ऋषि सक्सेना, रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एएम रिजवी सहित कई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद थे। नए सॉफ्टवेयर में थ्री डी कंस्ट्रक्शन इमेजिज और वाल्यूम री-कंस्ट्रक्शन (वीआर) का उपयोग किया है।
साफ्टवेयर बनाएगा थ्रीडी पिक्चर
जो भी मरीज पेट, रीढ़ और दिल से संबंधित बीमारियों से पीडि़त हैं। उनकी पहचान के लिए सीटी स्कैन जांच की जाएगी। इससे ली जाने वाली तस्वीरों को खास तरह के सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर इनकी थ्री डी पिक्चर दिखा देंगे। इससे हड्डी, दिमाग के अंदर और ट्यूमर को सर्जन आसानी से देख सकेंगे।